- लेबनान की राजधानी बेरूत में हुए धमकों में मरने वालों की संख्या 135 हो गई है
- इस विस्फोट में 5000 से अधिक लोग घायल हुए और लाखों इससे प्रभावित हुए
- विस्फोट इतना भीषण था कि बेरूत में 90 फीसदी तक होटल जमींदोज हो गए
बेरूत : लेबनान की राजधानी बेरूत में दो दिन पहले ही जबरदस्त विस्फोट हुए थे, जिसमें अब तक 135 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 5 हजार से अधिक लोग घायल हुए हैं। यहां मंगलवार (4 अगस्त) का दिन लाखों लोगों के लिए कहर बनकर गुजरा, जिसने दुनिया को दहलाकर रख दिया। यहां तक कि इस विस्फोट ने जापान के दो शहरों हिरोशिमा और नागाशाकी पर 1945 में गिराए गए परमाणु बम की याद भी ताजा कर दी।
वीडियो शूट के बीच विस्फोट
यहां एक बंदरगाह पर रखे करीब 2,700 टन के अमोनियम नाइट्रेट के भंडार में विस्फोट हुआ, जिससे भारी तबाही हुई और शहर में 90 प्रतिशत तक होटल जमींदोज हो गए। हालांकि किस्मत ने कुछ लोगों का साथ भी दिया और वे भीषण धमाकों के बावजूद जान बचाने में कामयाब रहे। इनमें एक नवविवाहित जोड़ा भी है, जो उस दिन अपने जीवन के सबसे खुशनुमा पल को जी रहा था कि अचानक हुए धमाकों ने सब तहस-नहस कर दिया।
विस्फोट ठीक उस समय हुआ, जब दुल्हन अपने जीवन के सबसे बड़े दिन का वीडियो शूट करा रही थी। उसके चेहरे पर खुशी साफ दिख रही थी कि तभी धमाकों की आवाज से लोगों का दिल बैठ गया और अफरातफरी मच गई। इस घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें नजर आ रहा है कि किस तरह जब दुल्हन वीडियो शूट करा रही थी, तभी विस्फोट होता है और सब जान बचाकर इधर-उधर भागने लग जाते हैं।
'स्तब्ध हूं, लगा सब मरने जा रही हूं'
यह शादी थी सेबलानी की, जो अमेरिका में डॉक्टर हैं। उनकी शादी बेरूत के बड़े कारोबारी अहमद सुबीह से यहां एक होटल में हो रही थी, जब धमाकों ने पूरे लेबनान को दहला दिया। उस वक्त की स्थिति को बयां करते हुए सेबलानी ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा, 'जो कुछ भी हुआ, उसे बताने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं... मैं स्तब्ध थी, समझ नहीं पा रही थी कि क्या हुआ? ऐसा लगा जैसे सब मर जाएंगे, मैं भी।'
धमाकों के बाद खुद को संभाल पाना मुश्किल था, लेकिन इस बीच दोनों एक-दूसरे के दिलासा देते रहे और अंतत: शादी की प्रक्रिया पूरी की गई। घटना से स्तब्ध सेबलानी अब भी अपनी खुशियों को ढूंढ़ नहीं पा रही हैं और समझ नहीं पा रही हैं कि अपने विवाह की खुशी वह कैसे महसूस करें, जिसके लिए वो पिछले तीन सप्ताह से तैयारियां कर रही थीं और दो सप्ताह पहले ही बेरूत पहुंची थीं।