- मंगलवार को लेबनान की राजधानी बेरूत में एक भयावह धमाका हुआ
- लेबनान में कार्यरत अनेक यूएन कर्मचारी भी इस घटना में घायल हुए हैं
- बड़ी संख्या में लोगों की मौत के अलावा हजारों लोगों के घायल हुए हैं
नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि लेबनान की राजधानी बेरूत के बंदरगाह इलाके में एक भयावह धमाके के बाद राहत अभियान में सक्रियता से सहायता प्रदान कर रहा है। धमाका इतना शक्तिशाली था कि बेरूत के कई इलाके बुरी तरह थरथरा उठे। इस धमाके में अनेक लोगों की मौत हुई है, हजारों घायल हुए हैं जिनमें यूएन के शान्तिसैनिक भी हैं।
संयुक्त राष्ट्र प्रवक्ता ने स्टेफान दुजैरिक ने महासचिव एंतोनियो गुटेरेश की ओर से एक बयान जारी किया है जिसमें उन्होंने पीड़ितों के परिजनों, लेबनान की जनता और सरकार के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की है। मंगलवार को लेबनान की राजधानी बेरूत में एक भयावह धमाका हुआ जिससे व्यापक पैमाने पर क्षति पहुंची है।
यूएन प्रमुख ने घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है। लेबनान में कार्यरत अनेक यूएन कर्मचारी भी इस घटना में घायल हुए हैं। न्यूज रिपोर्टों के मुताबिक बड़ी संख्या में लोगों की मौत के अलावा हजारों लोगों के घायल हुए हैं। विस्फोट इतना जबरदस्त था कि उसके झटकों को पूरे शहर में महसूस किया गया। धमाके से इमारतें हिल गईं और खिड़कियां टूट गईं। विस्फोट की वजह की अभी तक पुष्टि नहीं हो पाई है।
अपने वक्तव्य में महासचिव गुटेरेश ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र लेबनान को इस मुश्किल समय में हरसम्भव मदद के लिए संकल्पित है और इस घटना के बाद राहत कार्यों में मदद कर रहा है। यूएन महासभा के अध्यक्ष तिजानी मोहम्मद बाँडे ने भी इस घटना से प्रभावित लोगों व उनके परिवारजनों के प्रति अपनी गहरी सम्वेदना प्रकट की है और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है। उन्होंने लेबनान को इस लम्हे में एकजुटता का आश्वासन दिया है।
इस बीच लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (UNIFIL) ने बताया है कि इस बड़े धमाके के कारण उनकी एक टास्क फोर्स का बंदरगाह पर खड़ा जहाज क्षतिग्रस्त हुए है और कुछ शान्तिसैनिक घायल हुए हैं। यूएन मिशन की ओर से जारी बयान के मुताबिक जख्मी शान्ति सैनिकों को नजदीकी अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया है। यूएन मिशन हालात पर नजर रख रहा है और इससे प्रभावित कर्मचारियों की सही संख्या की पुष्टि करने में जुटा है।
दक्षिणी लेबनान से इजरायली सुरक्षा बलों की वापसी की पुष्टि के लिए वर्ष 1978 में यूएन मिशन को स्थापित किया गया था। साथ ही मिशन का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना था कि यह इलाका लेबनान के नियंत्रण में आ जाए। यूनिफिल मिशन के प्रमुख और फोर्स कमांडर मेजर जनरल डेल कोल ने कहा, 'हम लेबनान की जनता और सरकार के साथ इस मुश्किल समय में साथ है और उन्हें हर सहायता और समर्थन देने के लिए तैयार हैं।'