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कर्नाटक: नकल रोकने के लिए कॉलेज ने अपनाया अजीबोगरीब तरीका, स्‍टूडेंट्स को पहनाए गत्‍ते के 'हेलमेट'

Updated Oct 19, 2019 | 00:00 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

Karnataka: कर्नाटक के एक कॉलेज में परीक्षा के दौरान प्रशासन ने अजीबोगरीब तरीका अपनाया जब नकल रोकने के लिए छात्रों को हेलमेट की शक्‍ल में सिर पर गत्‍ते के बॉक्‍स पहना दिए गए।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
कर्नाटक में नकल रोकने के लिए प्रशासन ने अपनाया ये तरीका
मुख्य बातें
  • कर्नाटक में एक कॉलेज प्रशासन ने नकल रोकने के लिए अजीबोगरीब तरीका अपनाया
  • परीक्षा के दौरान स्‍टूडेंट्स को गत्‍ते के बॉक्‍स सिर पर पहनने के लिए बाध्‍य किया गया
  • इसकी तस्‍वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जबकि कॉलेज को नोटिस मिला है

बेंगलुरु : परीक्षा के दौरान नकल रोकने के लिए प्रशासन की ओर से कई कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन कर्नाटक में एक कॉलेज ने ऐसा अजीबोगरीब तरीका अपनाया कि यह सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया और अब सरकार की ओर से कॉलेज प्रशासन को इस पर नोटिस भी मिल गया है, जिसमें सफाई मांगी गई है। यहां कॉलेज प्रशासन ने कथित तौर पर छात्रों को नकल से रोकने के लिए हेलमेट की शक्‍ल में सिर पर गत्‍ते के डिब्‍बे पहना दिए।

मामला कर्नाटक में हावेरी जिले के भगत प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज का है, जिसकी तस्‍वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं। इसमें परीक्षा कक्ष में बैठे छात्र-छात्राओं के सिर पर हेलमेट की तरह गत्‍ते के बॉक्‍स नजर आ रहे हैं। घटना का खुलासा कॉलेज प्रशासन के ही एक कर्मचारी के फेसबुक पोस्‍ट से हुआ, जिसमें उन्‍होंने तस्‍वीरें पोस्‍ट करते हुए लिखा, 'यह हमारे कॉलेज की मध्‍यावधि परीक्षा है। भगत पीयू कॉलेज, हावेरी।' ये तस्‍वीरें बुधवार की ली गई और उसी दिन पोस्‍ट की गई बताई जा हैं।

बताया जा रहा है कि बीते वर्ष कई चेतावनियों के बावजूद छात्रों ने परीक्षा के दौरान नकल की थी और इसलिए इस बार प्रशासन किसी भी तरह से नकल पर लगाम लगाना चाहता था, जिसके लिए उसने यह अजीबोगरीब तरीका अपनाया। सोशल मीडिया पर तस्‍वीरें वायरल होने के बाद कॉलेज प्रशासन को आलोचनाओं का शिकार भी होना पड़ रहा है। इस बीच सरकार ने कॉलेज प्रशासन को नोटिस जारी कर इस पर स्‍पष्‍टीकरण मांगा है कि आखिर छात्रों को गत्‍ते के बॉक्‍स सिर पर पहनने के लिए क्‍यों मजबूर किया गया?

सरकार इस मामले में बेहद सरख्‍त नजर आ रही है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि कॉलेज प्रशासन से लिखित में जवाब मांगा गया है और यह भी कहा गया है कि अगर इसी तरह आगे भी जारी रहता है तो कॉलेज का लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है।