- उत्तर प्रदेश के प्रतिष्ठित लखनऊ यूनिवर्सिटी से आया चौंकाने वाला मामला सामने
- छात्र को मिली यूनिवर्सिटी के सेंट्रल मेस में खाना काने की सजा
- यूनिवर्सिटी प्रशासन ने लगाया 20 हजार रुपए का जुर्माना
- छात्र के माफी मांगने पर भी यूनिवर्सिटी ने लगाया भारी जुर्माना
नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के प्रतिष्ठित लखनऊ यूनिवर्सिटी से एक बेहद चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है। यहां के सेंट्रल मेष में खाना खाने की सजा एक छात्र को मिल गई। दरअसल यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में रहने वाले छात्रों को ही यहां के मेस में खाना खाने की अनुमति है। यूनिवर्सिटी हॉस्टल के बाहर से आने वाले छात्रों को यहां के मेस में खाना खाने की बिल्कुल अनुमति नहीं है।
जिस छात्र को ये सजा मिली है वह भी यूनिवर्सिटी के हॉस्टल के बाहर का छात्र है जिसे एक सप्ताह के भीतर 20 हजार रुपए की जुर्माने की रकम अदा करने को कहा गया है। इसके साथ ही 100 रुपए के स्टांम्प पेपर पर शपथपत्र भी जमा करने को कहा गया है।छात्र को जुर्माने की रकम भरने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। अगर तय समय के भीतर जुर्माने की राशि नहीं भरी गई तो यूनिवर्सिटी प्रशासन उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगा।
बता दें कि मामला लगभग एक महीने से भी ज्यादा पुराना है। मामला 3 सितंबर का है। यूनिवर्सिटी में केवल हॉस्टल में रहने वाले छात्रों को ही मेस में खाना खाने का अधिकार है हॉस्टल के बाहर रहने वाले छात्रों को यहां के मेस में खाना खाने की अनुमति नहीं है।जिस छात्र पर जुर्माने की सजा लगाई गई है वह भी दरअसल हॉस्टल के बाहर का छात्र है।
रिपोर्ट के मुताबिक छात्र जिस दिन हॉस्टल के सेंट्रल मेस में बैठकर खाना खा रहा था उस दिन किसी दूसरे छात्र ने प्रॉक्टर से उसकी शिकायत कर दी। प्रॉक्टर ने फौरन मौके पर पहुंचकर उसे रंगे हाथ पकड़ लिया और उस पर जुर्माना लगा दिया। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने 30 सितंबर तक उसे कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था।
छात्र ने इस पर अपनी सफाई में कहा है कि वह काफी भूखा था इसलिए हॉस्टल के मेस में खाना खाया। उसने यूनिवर्सिटी प्रशासन को माफीनामा पत्र भी लिखते हुए कहा कि वह आगे से ऐसी गलती नहीं करेगा। लेकिन बावजूद इसके उसे 20 हजार रुपए का जुर्माना भरने की सजा सुनाई गई।
वहीं प्रॉक्टर की दलील है कि वह छात्र एक बार नहीं पहले भी कई बार अक्सर वह हॉस्टल के मेस में खाना खाता रहा है। हर बार वह रजिस्टर में अपना नाम बदल कर खाना खाता था। जब हमें पुख्ता सबूत मिला तो इस पर कार्रवाई की गई।