नई दिल्ली। भारतीय रेलवे (Indian Railways) यात्रियों की सुविधा और उनकी सुरक्षा के लिए कई सुविधाएं प्रदान करता है, लेकिन कई बार रेलवे से जुड़ी अफवाहें भी फैलती है, जिसमें बताया जाता है कि रेलवे ने कोई नया नियम लागू कर दिया है या अब यात्रियों के लिए टिकट महंगी या सस्ती हो गई है, आदि। अब मंगलवार को एक समाचार रिपोर्ट में कहा गया कि भारतीय रेलवे ने पहली बार पब्लिक प्राइवेट पार्टनर्शिप (PPP) मोड के माध्यम से 150 जोड़ी यात्री ट्रेनों के संचालन के लिए निजी संस्थाओं की बोलियों का स्वागत किया है। इसमें आगे कहा गया है कि निजी खिलाड़ियों को इन ट्रेनों का किराया तय करने की स्वतंत्रता होगी।
रेलवे ने किया साफ
हालांकि, राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर ने ऐसी खबरों को 'भ्रामक मीडिया रिपोर्ट' कहा है और स्पष्ट किया है कि ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है और न ही हाल ही में कोई बोली आमंत्रित की गई है। रेल मंत्रालय ने मंगलवार शाम एक बयान में कहा कि, 'ऐसी खबरें तथ्यात्मक रूप से गलत हैं और हितधारकों को इसका संज्ञान नहीं लेना चाहिए।'
रिपोर्ट में दावा, रेलवे को 30,000 करोड़ मिलने की उम्मीद
समाचार रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पीपीपी मोड के माध्यम से यात्री ट्रेनों को चलाने की व्यवस्था से रेलवे को निजी क्षेत्र से लगभग 30,000 करोड़ रुपये का राजस्व मिलने की उम्मीद है। इसमें आगे कहा गया है कि ये ट्रेनें पूरे रेलवे नेटवर्क के 12 समूहों का हिस्सा होंगी। इनमें से प्रत्येक ट्रेन की न्यूनतम लंबाई 384 मीटर होगी, जो 16 कोचों के बराबर है।
रेलवे ने पिछले तीन महीनों में अपनी परिसंपत्तियों की ई-नीलामी से करीब 844 करोड़ रुपये अर्जित किए हैं। यह राशि पार्किंग स्थल, रेल परिसर में विज्ञापन लगाने, पार्सल की जगह को पट्टे पर देने और शौचालयों के अनुबंधों से जुटाई गई है।