- देश में काले धन पर लगाम लगाने के लिए मोदी सरकार हर लगातार कदम उठा रही है।
- पिछले महीने सरकार ने इनकम टैक्स फाइलिंग का दायरा बढ़ाया था।
- सरकार ने बिना पैन कार्ड और आधार कार्ड के कैश ट्रांजैक्शन के नियम सख्त कर दिए हैं।
नई दिल्ली। जनता की सुविधाओं और उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखकर मोदी सरकार ने हर जरूरी कदम उठाती है। देश में डिजिटल लेनदेन तेजी से बढ़ रहा है। इस बीच सरकार ने कैश ट्रांजैक्शन के नियमों में बदलाव किया है।
ये रहा नया नियम
सरकार ने एक वित्त वर्ष में 20 लाख रुपये से ज्यादा की राशि जमा करने या इसे निकालने के लिए आधार कार्ड (Aadhaar Card) या स्थायी खाता संख्या (Pan Card) को अनिवार्य बना दिया है। यानी अगर आप एक वित्त वर्ष में 20 लाख रुपये से ज्यादा की राशि जमा करते हैं, या निकासी करते हैं, तो आपको इन दस्तावेजों की जरूरत होगी।
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करंट अकाउंट खोलने का भी बदला नियम
इतना ही नहीं, अब चालू खाता (Current Account) खोलने के लिए भी आपको आधार कार्ड या पैन कार्ड की जरूरत होगी। अब किसी बैंक या पोस्ट ऑफिस में करंट अकाउंट खोलने के लिए इसकी जरूरत होगी। इस संबंध में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने एक नोटिफिकेशन भी जारी है, जिसमें कहा गया कि एक वित्त वर्ष में बैंकों से बड़ी राशि का लेनदेन करने के लिए या तो पैन नंबर देना होगा या फिर आधार की बायोमीट्रिक पुष्टि करनी होगी।
नए नियम से क्या होगा फायदा?
AKM ग्लोबल टैक्स पार्टनर संदीप सहगल ने कहा कि इससे वित्तीय लेनदेन में ज्यादा पारदर्शिता होने की उम्मीद है। इससे सरकार को वित्तीय सिस्टम में कैश के आवागमन पर नजर रखने में मदद मिलेगी और संदिग्ध कैश जमा और निकासी से जुड़ी प्रक्रिया में और सख्ती आएगी।
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मौजूदा समय में इनकम टैक्स (Income tax) से जुड़े कामों के लिए आधार कार्ड या पैन कार्ड का इस्तेमाल किया जाता है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से जुड़े सभी कामकाज में पैन अनिवार्य है।