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1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक बैन, नहीं मिलेंगे ये प्रोडक्ट, करना होगा इनका इस्तेमाल

Updated Jun 29, 2022 | 19:17 IST

Single Use Plastic Ban: भारत प्रति व्यक्ति के आधार पर दुनिया में सबसे ज्यादा सिंगल यूज प्लास्टिक का कचरा निकालने वाले 100 देशों में शामिल हैं। भारत में प्रति व्यक्ति 4 किलोग्राम सिंगल यूज प्लास्टिक का कचरा निकलता है।

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सिंगल यूज प्लास्टिक बैन
मुख्य बातें
  • नियमों का उल्लंघन  करने पर स्पॉट पर 500 रुपये और संस्थानों के ऊपर 5000 रुपये तक पेनाल्टी लगाई जा सकती है।
  • साल 2002 में सबसे पहले बांग्लादेश ने पतले प्लास्टिक के इस्तेमाल पर बैन लगाया था।
  • सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल के बदले कॉटन बैग, बांस के बने उत्पाद, लकड़ी के बने उत्पादन, मिट्टी और अन्य सिरेमिक के बने बर्तन, कंपोजिटेबल प्लास्टिक (नष्ट हो जाने वाले) के उत्पाद मिलेंगे। 

Single Use Plastic Ban: एक जुलाई से जब आप बाजार जाए तो हो सकता है कि आपको वह काफी बदला हुआ नजर आए। क्योंकि अगले महीने से बाजार में प्लास्टिक की आइसक्रीम स्टिक, सजावट के लिए पॉलीस्टाइनिन (थर्मोकोल), प्लास्टिक की प्लेट, कप, गिलास, कटलरी जैसी वस्तुएं नहीं मिलेंगी। ऐसा इसलिए हैं क्योंकि सरकार ने एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक (SUP) पर बैन लगा दिया है। इसके तहत सिंगल यूज प्लास्टिक का निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध होगा। और आदेश का उल्लंघन करने वालों पर 500 से 5000 रुपये तक की पेनॉल्टी भी लग सकती है।

प्लास्टिक के इस्तेमाल से बढ़ता प्रदूषण 

Minderoo Foundation की साल 2021 की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया में उत्पादन किए जाने वाले कुल प्लास्टिक में सिंगल यूज प्लास्टिक की  करीब 33 फीसदी हिस्सेदारी है। जिसका 98 फीसदी उत्पादन जीवाश्म ईंधन (यानी पेट्रोलियम उत्पाद आदि) से होता है। साल 2019 में, कूड़े के रूप में निकले 130 मिलियन मिट्रिक टन प्लास्टिक में सिंगल यूज प्लास्टिक की ज्यादा हिस्सेदारी थी। 

जहां तक भारत की बात है तो वह प्रति व्यक्ति के आधार पर दुनिया में सबसे ज्यादा सिंगल यूज प्लास्टिक का कचरा निकालने वाले 100 देशों में शामिल हैं। भारत में प्रति व्यक्ति 4 किलोग्राम सिंगल यूज प्लास्टिक का कचरा निकलता है। जबकि सबसे ज्यादा कचरा पैदा करने वाले देशों में सिंगापुर पहले नंबर पर है। उसके बाद ऑस्ट्रेलिया और ओमान का नंबर आता है।

रैंक देश प्रति व्यक्ति सिंगल यूज प्लास्टिक का उत्पादन (किलो ग्राम में)
1 सिंगापुर 76
2 ऑस्ट्रेलिया 59
3 ओमान 56
4 नीदरलैंड 55
5 बेल्जियम 55
94 भारत 4

भारत में कौन सी वस्तुएं हो जाएंगी बैन

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार , प्रतिबंधित वस्तुओं की सूची में ये वस्तुएं शामिल हैं- 

  • प्लास्टिक स्टिक वाले ईयर बड
  • गुब्बारों के लिए प्लास्टिक स्टिक
  • प्लास्टिक के झंडे
  • कैंडी स्टिक
  • आइसक्रीम स्टिक
  • सजावट के लिए पॉलीस्टाइनिन (थर्मोकोल)
  • प्लास्टिक की प्लेट, कप, गिलास, कटलरी, कांटे, चम्मच, चाकू, 
  • स्ट्रॉ, ट्रे
  • मिठाई के डिब्बों को रैप या पैक करने वाली फिल्म
  • निमंत्रण कार्ड
  • सिगरेट के पैकेट
  • 100 माइक्रोन से कम के प्लास्टिक या पीवीसी बैनर, स्टिरर।

500 से 5000 रुपये तक लग सकती है पेनाल्टी

पर्यावरण मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार नियमों का उल्लंघन  करने पर स्पॉट पर 500 रुपये और संस्थानों के ऊपर 5000 रुपये तक पेनाल्टी लगाई जा सकती है। इसके अलावा व्यापारिक लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है। Statista की रिपोर्ट के अनुसार नए प्रतिबंधो के लागू होते ही भारत भी उन 77 देशों की लिस्ट में शामिल हो जाएगा, जो सिंगल यूज प्लास्टिक और अन्य स्तर पर प्लास्टिक के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए कदम उठा चुके हैं। साल 2002 में सबसे पहले बांग्लादेश ने पतले प्लास्टिक के इस्तेमाल पर बैन लगाया था।

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अब मिलेंगे ये उत्पाद

पर्यावरण मंत्रालय ने सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल के बदले कॉटन बैग, बांस के बने उत्पाद, लकड़ी के बने उत्पादन, मिट्टी और अन्य सिरेमिक के बने बर्तन, कंपोजिटेबल प्लास्टिक (नष्ट हो जाने वाले) के उत्पाद मिलेंगे। 

इसके पहले सरकार  75 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक कैरी बैग के निर्माण, आयात, संग्रहण, वितरण, बिक्री और उपयोग पर 30 सितंबर 2021 से और 120 माइक्रोन से कम मोटाई वाले इन सामानो पर 31 दिसंबर, 2022 से प्रतिबंध लगा चुकी है।