- छोटी मात्रा में निवेश करके लंबी अवधि की संपत्ति बनाने का पीपीएफ एक शानदार तरीका है।
- निवेश पर बेहतर रिटर्न और टैक्स छूट का लाभ पीपीएफ को ज्यादा आकर्षक बनाता है।
- आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से पीपीएफ अकाउंट खोल सकते हैं।
नई दिल्ली। लोग अक्सर टैक्स बचाने के विकल्प ढूंढते रहते हैं। जब टैक्स सेविंग स्कीम की बात आती है, तो पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund) उन विकल्पों में से एक है जो निवेशकों के बहुत लोकप्रिय है। ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से पीपीएफ (PPF) एक निश्चित आय वाली और रिटायरमेंट जैसे लॉन्ग टर्म लक्ष्यों के लिए बेहतरीन टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
ट्रिपल टैक्स छूट
पीपीएफ उन कुछ निवेश विकल्पों में से एक है जिसमें निवेशकों को ट्रिपल टैक्स छूट (Triple tax exemption) का लाभ मिलता है, यानी (exempt-exempt-exempt, EEE) स्थिति। इसका मतलब है कि आपको निवेश के समय, एक्रुअल के समय और निकासी के समय टैक्स में छूट मिलती है।
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आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80C के तहत हर वित्तीय वर्ष में पीपीएफ में निवेश करने पर 1.5 लाख रुपये तक की कटौती का लाभ मिलता है। हर साल अर्जित ब्याज पर भी टैक्स से छूट मिलती है। इतना ही नहीं, मैच्योरिटी पर आपको मिलने वाली कुल राशि भी टैक्स से मुक्त होती है। इस तरह यह आपकी टैक्स-फ्री इनकम होती है।
उच्च ब्याज दर का भी मिलता है लाभ
पब्लिक प्रोविडेंट फंड में निवेशकों को 7.1 ब्याज मिलता है, जो नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (National Savings Certificate, NSC) और पोस्ट ऑफिस की 5 साल की फिक्स्ड डिपॉजिट जैसी अन्य छोटी बचत योजनाओं पर मिलने वाले ब्याज दर से ज्यादा है। पीपीएफ ब्याज दर अक्सर ईपीएफ दर से बहुत पीछे नहीं होती है, हालांकि, कुछ ही मौके ऐसे आए हैं जब पीपीएफ की ब्याज दर ईपीएफ दर से अधिक थी।
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पीपीएफ अकाउंट के फायदे (Public Provident Fund benefits)
5 साल के टैक्स सेविंग बैंक एफडी जैसे विकल्पों के मुकाबले PPF इसलिए भी ज्यादा आकर्षक विकल्प है क्योंकि इसकी फ्लोटिंग दरें होती हैं। पीपीएफ की ब्याज दर फ्लोटिंग होती है, यानी यह हर तिमाही में बदल सकती है। इसके विपरीत फिक्स्ड डिपॉजिट में पूरी निवेश अवधि के लिए ब्याज दर तय होती है।
(Disclaimer: यहां टाइम्स नाउ नवभारत द्वारा किसी भी योजना में निवेश की सलाह नहीं दी जा रही है। यह सिर्फ जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी योजना में निवेश करने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।)