नई दिल्ली। अगले महीने यानी 1 जुलाई 2022 से देश में टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (TDS) से जुड़ा एक अहम नियम लागू हो रहा है। अगर आपने इस नियम को नजरअंदाज कर दिया, तो आपको नुकसान भी हो सकता है। जुलाई से बिक्री को बढ़ावा देने के लिए व्यवसायों से प्राप्त गिफ्ट में 10 फीसदी टीडीएस लेगगा। ये टैक्स सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और डॉक्टरों पर लागू होगा। इस संदर्भ में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने दिशानिर्देश भी जारी किया था।
क्या है पूरा नियम? (New TDS rule from July 1)
यह प्रावधान 2022 के वित्त अधिनियम में लाया गया था, ताकि टैक्स बेस को बढ़ाया जा सके और यह सुनिश्चित हो सके कि जो लोग व्यवसायों द्वारा इस तरह के सेल प्रमोशन व्यय से लाभान्वित होते हैं, वे इसे अपने कर रिटर्न में रिपोर्ट करें और टैक्स का भुगतान भी करें।
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इस स्थिति में नहीं लगेगा टीडीएस
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के लिए टीडीएस राशि का भुगतान करना तब अनिवार्य होगा जब किसी कंपनी द्वारा मार्केटिंग के उद्देश्य से उन्हें दिए गए प्रोडक्ट्स व रखते हैं। हालांकि, सीबीडीटी ने स्पष्ट किया कि अगर प्रोडक्ट कंपनी को वापस कर दिया जाता है, तो टीडीएस लागू नहीं होगा।
अगर प्रोडक्ट को व्यक्ति द्वारा रखा जाता है, तो यह लाभ की प्रकृति में होगा और अधिनियम की धारा 194R के तहत टैक्स की कटौती जरूरी होगी। इसके अलावा, CBDT ने स्पष्ट किया है कि सेल डिस्काउंट, कैश डिस्काउंट और ग्राहकों को दी जाने वाली छूट पर आयकर अधिनियम की धारा 194R के तहत कोई कर काटने की आवश्यकता नहीं है।
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डॉक्टरों के मामले में, जो अस्पताल के कर्मचारी हैं, या सलाहकार हैं, अगर उन्हें किसी कंपनी द्वारा मुफ्त में दवाइयों के सैंपल मिलते हैं, तो यह टीडीएस के दायरे में आएगा। डॉक्टर अस्पताल के कर्मचारी होते हैं, इसलिए ऐसी स्थिति में अस्पताल से टीडीएस कट जाएगा।