- वाराणसी में बाल विवाह रोकने के लिए सख्ती
- बाल विवाह करवाने पर परिवार के साथ अब और भी लोग जाएंगे जेल
- बाल विवाह की शिकायत के लिए हेल्पलाइन नंबर हुआ जारी
Varanasi News: अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर होने जा रहे विवाह के लग्न पर प्रशासन की नजर है। प्रशासन इस वक्त वाराणसी में हर तरफ नजर बनाए हुए है। अगर कोई भी पंडित या मौलवी भी बाल विवाह करवाता दिखेगा, तो प्रशासन इस पर सख्त कारवाई करेगा। साथ ही इस तरह के शादी समारोह में शामिल सभी लोगों को अपराधी माना जाएगा।अगर वर की आयु 21 और वधू की आयु वर्ष से नीचे है, तो विवाह समारोह में सम्मिलित सभी लोगों को बाल विवाह कराने जैसे संगीन अपराध के आरोप में जेल की हवा खानी पड़ सकती है। इसके साथ ही बाल विवाह करवाने वालों को जुर्माना भी भरना पड़ सकता है।
दरअसल, तीन मई को आने वाले अक्षय तृतीया के शुभ मुहूर्त लग्न के मौके पर जिले में लगभग 600 शादियां होने जा रही हैं। ऐसे में एक ओर शादी की तारीख तय कर चुके परिवार जहां व्यवस्था को लेकर लोग तैयारी में जुटे हैं।
प्रशासन हुआ सख्त
वहीं प्रशासन यह देखने में लग चुका है कि, कहीं बाल विवाह तो नहीं हो रहा है। प्रशासन 21 और 18 वर्ष से कम उम्र के वर-वधुओं की जानकारी लेने की कोशिश में लग चुका है। जिससे ऐसी बाल विवाह को रोका जा सके। वहीं टेंट संचालकों से लेकर कैटरर्स को चेतावनी जारी कर दी गई है, वह जहां भी व्यवस्था में जा रहे हैं वहां ये जानकारी जरूर लें कि लड़का-लड़की दोनों बालिग हैं या नहीं। व्यवस्था करने से पहले वर-वधू की उम्र की जानकारी कर लें। अगर कोई बाल विवाह का मामला है, तो डायल महिला हेल्प लाइन 1098 पर फोन करें।
किसको होगी जेल
बाल विवाह संपन्न कराने वाले माता-पिता व रिश्तेदार ही दोषी नहीं माने जाएंगे, बल्कि वह सभी दोषी माने जाएंगे जो किराए पर तमाम व्यवस्था देने का काम करते हैं। यहां तक कि शादी का कार्ड बनाने वाले प्रिंटिंग प्रेस संचालक से लेकर व्यवसाई मैरिज हॉल संचालक, बैंड बाजा,कैटरर्स, फोटोग्राफर, पुरोहित भी लिस्ट में हैं। इसी वजह से इन सभी से आग्रह किया गया है कि किसी भी ऐसी शादी को संपन्न कराने में अपनी भूमिका अदा ना करें, जिसमें लड़का या लड़की कोई एक बालिग न हों। ऐसी शादियों के मामले मिलने पर इनके खिलाफ भी बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी ।