- रोप-वे की प्री-बिड में एक दर्जन कंपनियों ने भाग लेकर अपने संदेह को दूर किया
- प्री-बिड में रूट से स्टेशन तक पर कंपनियों ने चर्चा की
- अंतिम स्टेशन गोदौलिया के चारों ओर बनने वाले निकास एवं प्रवेश द्वार के पास बनाने पर चर्चा हुई
ropeway construction: वाराणसी में रोप-वे निर्माण को लेकर विभाग काफी संजीदा है। लगातार इसके निर्माण से जुड़ी पहलुओं पर चर्चा हो रही है। यह रोप-वे परियोजना कैंट से गोदौलिया तक की है। गोदौलिया चौराहे पर स्थित मल्टीलेवल पार्किंग भी रोप-वे के स्टेशन का हिस्सा बनेगा। इसके अलावा कैंट से गोदौलिया के बीच बनने वाले पांच स्टेशन से दुनिया की सबसे पुरानी नगरी काशी की भी झलक दिखाई देगी।
दरअसल, मंगलवार को कमिश्नर दीपक अग्रवाल की अध्यक्षता में रोप-वे की प्री-बिड में एक दर्जन से अधिक कंपनियां शामिल हुईं। इन कंपनियों ने रोप-वे निर्माण को लेकर अपनी-अपनी शंकाएं दूर कीं। प्री-बिड में कंपनियों ने परियोजना की पूरी जानकारी ली। रूट से लेकर स्टेशन तक पर चर्चा हुई।
मल्टीलेवल पार्किंग की बाधा पर हुई बात
बैठक में रोप-वे के अंतिम स्टेशन गोदौलिया के चारों तरफ बनने वाले निकास एवं प्रवेश द्वार में मल्टीलेवल पार्किंग की बाधा पर भी चर्चा की गई। नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक लिमिटेड के अधिकारियों का कहना है कि इस मल्टीलेवल पार्किंग को रोप-वे स्टेशन में एकीकृत किए जाने का प्रस्ताव है। इसमें रूट आदि को लेकर कराए गए सर्वे को भी बताया गया।
29 जून को फाइनल होगी एजेंसी
कंपनियों को जानकारी दी गई है कि रोप-वे स्टेशन ऐसे बनाए जाएं, जहां लोगों को काशी की झलक भी दिखे। इसका निर्माण शुरू कराने के लिए 29 जून को टेंडर फाइनल होने की पूरी उम्मीद है। वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) की उपाध्यक्ष ईशा दुहन का कहना है प्री-बिड में कई नामी कंपनियों ने भाग लिया और अब वह इस परियोजना को पूरी तरह समझ गए हैं। वीडीए की उपाध्यक्ष ईशा दुहन ने बताया कि रोप-वे निर्माण को लेकर कराए गए सर्वे के कारण अलग-अलग विभागों के कार्यों की क्षति हुई है। ऐसे में पीडब्ल्यूडी, जल निगम समेत सभी संबंधित विभागों से तीन दिनों में खर्च का ब्योरा मांगा गया था। अब उनके पास दो दिन शेष हैं। उनकी संपत्ति की हुई क्षति की भरपाई वीडीए द्वारा की जानी है।