- अफगानिस्तान के मशहूर मजार ए शरीफ की प्रसिद्ध नीली मस्जिद में ये कबूतर रहते थे
- कबूतरों को लॉकडाउन के दौरान दाना-पानी नहीं मिला जिससे उनकी मौत हो गई
- इतनी बड़ी संख्या में भूखे-प्यासे कबूतरों की मौत से हर कोई हैरान है
नई दिल्ली: कोरोना की मार से हर कोई बेहाल है, दुनिया के तमाम मुल्क इसे जूझ रहे हैं,ऐसा नहीं है कि इंसानों पर ही इसकी मार पड़ी है बल्कि इसकी जद में बेजुबान पक्षी भी आ रहे हैं, अफ़गानिस्तान के मशहूर मजार ए शरीफ की प्रसिद्ध नीली मस्जिद में पाले गए सफेद कबूतरों में से करीब एक हजार की मौत भूख के चलते हो गयी क्योंकि कोरोना के चलते जारी लॉकडाउन में इन्हें दाना नहीं मिल पा रहा था।
इतनी बड़ी संख्या में कबूतरों की मौत के बाद वहां का प्रशासन भी हैरान है आनन-फानन में स्वास्थ्यकर्मियों की सहायता से कबूतरों के शवों को मस्जिद परिसर से हटाया गया बताते हैं कि ये सफेद कबूतर मस्जिद परिसर में ही रहते थे और इनके दाना-पानी की व्यवस्था भी मस्जिद प्रशासन ही करवाता था।
गौरतलब है कि यह मस्जिद नीली मस्जिद के नाम से भी जानी जाती है क्योंकि इसके पत्थर नीले रंग के हैं, देश में लॉकडाउन के दौरान बंद रही कई धार्मिक इमारतों में से यह मस्जिद भी एक है।
गौरतलब है कि अफगानिस्तान में अभी तक 23000 से ज्यादा संक्रमण के केस सामने आ चुके हैं वहीं इसके चलते 1000 से ज्यादा लोगों की इससे मौत हो गयी है, कोरोना वायरस महामारी के चलते देश की आर्थिक और सामाजिक व्यवस्था चरमरा गई है।
भूखे-प्यासे कबूतरों की मौत से हर कोई हैरान है
इतनी बड़ी संख्या में भूखे-प्यासे कबूतरों की मौत से हर कोई हैरान है और अब इस घटना के बाद अब स्थानीय लोगों ने इन बेजुबान पक्षियों के पेट भरने का भार उठाया है और वो इन बेजुबानों के लिए दाने-पानी की व्यवस्था में जुटे हैं ताकि अब इनकी मौत ना हो। कोरोना संक्रमण से पहले यहां रोज हजारों की संख्या में लोग दर्शन के लिए आते थे और वो इन कबूतरों को दाना भी खिलाते थे मगर लॉकडाउन में ये सिलसिला टूट गया।