नई दिल्ली: मैनहट्टन के समीप यूनियन स्क्वायर में स्थित महात्मा गांधी की आदमकद कांसे की प्रतिमा शनिवार को विरुपित की गयी, जिससे भारतीय-अमेरिकी समुदाय में रोष पैदा हो गया है। भारत के महावाणिज्य दूतावास ने इस कदम की कड़ी निंदा करते हुए इसे 'घृणित' बताया है। महावाणिज्य दूतावास ने कहा कि यह घटना शनिवार तड़के की है जब कुछ अज्ञात लोगों ने प्रतिमा विरुपित कर दी। उसने कहा, 'वाणिज्य दूतावास प्रतिमा को विरुपित करने के इस कृत्य की कड़े शब्दों में निंदा करता है।' उसने बताया कि मामले को स्थानीय प्राधिकारियों के समक्ष उठाया गया है।
उसने कहा, 'अमेरिका के विदेश विभाग के समक्ष तत्काल जांच के लिए भी इस मामले को उठाया गया है और उनसे इस घृणित कृत्य के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है।'
न्यूयॉर्क, न्यूजर्सी और कनेक्टिकट के भारतीय प्रवासी समुदाय के संगठन 'फेडरेशन ऑफ इंडियन एसोसिएशंस' राष्ट्रपिता की प्रतिमा के साथ इस 'कायरतापूर्ण कृत्य' की कड़ी निंदा की।
2 अक्टूबर 1986 को इसे स्थापित किया गया था
एफआईए के अध्यक्ष अंकुर वैद्य ने कहा, 'ऐसे व्यक्ति को देखना बहुत दुखद है जो इतना विकृत हो सकता है कि ऐसे विशिष्ट नेता तथा शख्सियत की प्रतिमा को विरुपित करें, जिसे शांति तथा अहिंसा के संदेश के लिए विश्वभर में पहचाना जाता है।' गांधी मेमोरियल इंटरनेशनल फाउंडेशन ने आठ फुट ऊंची यह प्रतिमा दान दी है और महात्मा गांधी की 117वीं जयंती के अवसर पर दो अक्टूबर 1986 को इसे स्थापित किया गया था।
अमेरिका में पहले भी सामने आई है ऐसी ही घटना
इस प्रतिमा को 2001 में हटा दिया गया और 2002 में पुन: स्थापित किया गया था। पिछले वर्ष अज्ञात बदमाशों ने इसी तरह अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य में गांधी की एक अन्य प्रतिमा को भी विरुपित कर दिया था।