- तालिबान आतंकियों के काल बनकर टूटी 16 साल की कमर गुल
- कमल गुल ने एके 47 से दो आतंकियों को उतारा मौत के घाट, कई आतंकी घायल
- तालिबान आतंकियों ने घर से खींचकर कर दी थी कमर के मां-बाप की हत्या
नई दिल्ली: मलाला युसुफजई के नाम से तो हर कोई वाकिफ है लेकिन हम आपको अफगानिस्तान की एक ऐसी बहादुर लड़की के बारे में बताने जा रहे हैं जो आजकल सुर्खियों में है। 16 साल की कमल गुल ने तालिबान के आतंकियों को ऐसा सबक सिखाया कि आतंकी भी खौफ में हैं। दरअसल कुछ समय पहले आतंकियों ने गुल के माता -पिता को घर से खींचकर बेरहम तरीके से उनकी हत्या कर दी थी। इसके बाद गुल ने बदला लेने के लिए एके-47 उठा ली और दो आतंकियों को भून डाला और कई आतंकियों को बुरी तरह घायल कर दिया।
पिछले हफ्ते का है मामला
मामला पिछले हफ्ते का जब आतंकियों ने ने क़मर गुल के घर पर धावा बोला था। गुल का घर अफगानिस्तान के मध्य प्रांत घोर के एक गाँव में है। स्थानीय पुलिस प्रमुख हबीबुर्रहमान मालेखेड़ा ने बताया कि आतंकवादी उसके पिता की तलाश कर रहे थे जो ग्राम प्रधान थे। मालेखेड़ा ने कहा कि उसके पिता एक सरकारी समर्थक थे, यही वजह है कि आतंकवादी उनके घर से घसीटकर ले गए। जब उनकी पत्नी ने विरोध किया, तो तालिबान आतंकवादियों ने उनके घर के बाहर ही दोनों पति पत्नी को गोली से उड़ा दिया।
कई आतंकी हुए घायल
स्थानीय पुलिस प्रमुख ने आगे बताया, 'क़मर गुल उस समय घर के अंदर थी और जैसे उसने अपने मां-बाप की लाश देखी तो उसने एक एके -47 बंदूक उठा ली और तालिबान के उन दो आतंकियों को गोलियों से भून दिया जिन्होंने उसके परिवार को खत्म कर दिया था। इस गोलीबारी में कई और आतंकी घायल भी हो गए। विभिन्न अधिकारियों के अनुसार गुल की उम्र 14 से 16 वर्ष के बीच है। बहुत से अफ़गानों को अपनी सही उम्र का पता नहीं होना आम बात है।
तालिबान के कई अन्य आतंकवादी बाद में उसके घर पर हमला करने के लिए आए, लेकिन कुछ ग्रामीणों और सरकार समर्थकों ने आतंकवादियों को गोलियों से उड़ा दिया। हाल के महीनों में, काबुल के साथ शांति वार्ता के लिए सहमत होने के बावजूद आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर हमले तेज कर दिए हैं।