- अविश्वास प्रस्ताव बोरिस जॉनसन के लिए बड़ा झटका है।
- लॉनकडाउन में प्रधानमंत्री आवास में पार्टी करने का आरोप है।
- अविश्वास प्रस्ताव आज शाम पेश हो सकता है।
Boris Johnson: कोविड-19 के दौरान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का पार्टी करना, उनके लिए मुश्किलें खड़ी करता जा रहा है। उनके सामने नया संकट अविश्वास प्रस्ताव का खड़ा हो गया है। 'पार्टीगेट' मामले में घिरे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन अब अविश्वास प्रस्ताव का सामना करेंगे। इस बात का ऐलान कंजरवेटिव पार्टी की एक समिति के अध्यक्ष ने किया है। उनके अनुसार पार्टीगेट मामले से जुड़ी नई जानकारियां सामने आने के बाद यह कदम उठाया जा रहा है।
54 सांसदों ने अविश्वास प्रस्ताव की मांग की
समिति द्वारा प्राप्त अविश्वास संबंधी पत्रों के प्रभारी सर ग्राहम ब्रैडी ने बताया कि टोरी संसदीय दल के 54 सांसद (15 प्रतिशत) बोरिस जॉनसन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव मांग कर रहे हैं और सोमवार शाम ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ में इसे रखा जाएगा। ब्रैडी ने एक बयान में कहा है कि अविश्वास मत के लिए संसदीय दल के पास जरूरी 15 प्रतिशत वोट हैं। नियमों के अनुसार, आज सोमवार छह जून को शाम छह बजे से रात आठ बजे (स्थानीय समयानुसार) के बीच मतदान होगा, इस संबंध में विस्तृत जानकारी साझा की जाएगी। मतदान के तुरंत बाद ही उनकी गिनती की जाएगी। सुझाव के अनुसार नतीजों की घोषणा की जाएगी।
क्या हार सकते हैं जॉनसन
विश्लेषकों के अनुसार, जॉनसन के जीतने की संभावना है, लेकिन अविश्वास प्रस्ताव उनके नेतृत्व के लिए एक बड़ा झटका जरूर है। गौरतलब है कि डाउनिंग स्ट्रीट (प्रधानमंत्री आवास) में जून 2020 में आयोजित एक जन्मदिन पार्टी में कोविड-19 की वजह से लागू लॉकडाउन में उससे संबंधी नियमों के उल्लंघन के आरोप को लेकर 40 से अधिक सांसदों ने जॉनसन के इस्तीफे की मांग की है। मामला लंबे समय से चर्चा में बना हुआ है और शीर्ष सिविल सेवक सू ग्रे के नेतृत्व में की गई जांच की विफलताओं को लेकर भी कई सवाल उठाए चुके हैं।
स्कॉटलैंड यार्ड जांच के बाद जारी रिपोर्ट में कहा गया था कि कोरोना वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए 2020-2021 के लॉकडाउन के दौरान सरकारी कार्यालयों के भीतर दलों ने नियमों का उल्लंघन किया। जॉनसन और उनकी पत्नी कैरी पर जून 2020 में डाउनिंग स्ट्रीट के कैबिनेट रूम में लॉकडाउन नियमों का उल्लंघन करते हुए जन्मदिन की पार्टी आयोजित करने के लिए जुर्माना भी लगाया गया था।