- पूरी दुनिया में कोरोना संक्रमण के केस 44 लाख के पार, अब तक तीन लाख की मौत
- कोरोना संक्रमण से अमेरिका में सबसे अधिक 12 लाख प्रभावि, 81 हजार से ज्यादा की मौत
- भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या 81 हजार के पार, 3 हजार से ज्यादा मरे
नई दिल्ली। पूरी दुनिया इस समय एक वायरस के इशारे पर नाच रही है। उस वायरस का नाम है कोरोना। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए तमाम तरह के ऐहतियात बरते जा रहे हैं। लेकिन संक्रमण का आंकड़ा 44 लाख के पार है और 3 लाख लोग जान गंवा चुके हैं। इस वायरस के खात्मे के लिए सिर्फ एक उम्मीद वैक्सीन में है। लेकिन पुख्ता तौर पर कोई नतीजा अब तक नहीं हैं। लेकिन दावे किये जा रहे हैं।
चेडॉक्स 1 पर टिकी नजर
आप को याद होगा लंदन के एक इंस्टीट्यूट ने चेडॉक्स 1 के बारे में दावा किया है कि इस वैक्सीन के जरिए कोरोना पर शत प्रतिशत कामयाबी हासिल होगी। उसी क्रम में इस वैक्सीन को कामयाबी मिली है। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के जेनर इंस्टीट्यूट में काम कर रहे वैज्ञानिकों ने एक महत्वपूर्ण बाधा पार करने का दावा किया है। वैक्सीन के एनिमल ट्रायल में जो नतीजे सामने आए हैं उसे सार्वजनिक किया गया है।
एनिमल ट्रायल में बड़ी बाधा पार
प्रारंभिक नतीजों से पता चलता है कि "ChAdOx1 nCoV-19" वैक्सीन, कोरोना वायरस का प्रभावी तौर पर सामना कर सकती है। अभी तक के जो नतीजे सामने आए हैं उससे पता चलता है कि यह वैक्सीन फेफड़ों को प्रभावित किए बगैर वायरस के इम्यून प्रतिरोधी क्षमता में भी बढ़ावा नहीं कर रही है। इसके लिए 6 बंदरों में SARS-CoV-2 वायरस के हाईजोड वाले इंजेक्शन दिये गए।
ह्यूमन ट्रायल के लिए 1000 लोगों ने कराया नामांकन
बता दें कि सार्स सीओवी-2 कोविड 19 के लिए जिम्मेदार है। बड़ी बात यह है कि 13 मई तक तरीब 1000 लोगों ने ह्यूमन क्लिनिकल ट्रायल के लिए खुद का नामांकन कराया है। जो लोग वैक्सीन निर्माण प्रक्रिया से नहीं जुड़े हुए हैं उनका भी कहना है कि भले ही ह्यूमन ट्रायल न हुआ हो। लेकिन जो नतीजे सामने आ रहे हैं वो सकारात्मक हैं।