लाइव टीवी

चीनी राष्‍ट्रपति जिनपिंग की भारत व अमेरिका को धमकी- अगर अतिक्रमण की हुई कोशिश, तो नहीं बैठेंगे चुप

Updated Oct 23, 2020 | 10:51 IST

चीन के राष्‍ट्रपति शी ज‍िनपिंग ने बगैर नाम लिए भारत और अमेरिका को धमकी देते हुए कहा क‍ि अगर चीन की संप्रभुता की अनदेखी की गई तो हम फिर खाली नहीं बैठेंगे।

Loading ...
जिनपिंग की धमकी- अगर हुई अतिक्रमण कोशिश, तो नहीं बैठेंगे चुप
मुख्य बातें
  • भारत औऱ चीन के बीच पिछले काफी समय से बने हुए है तनावपूर्ण हालात
  • चीनी राष्ट्रपति ने एक कार्यक्र को संबोधित करते हुए भारत-अमेरिका का नाम लिए बगैर दी धमकी
  • जिनपिंग बोले- अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए उठाएंगे हर कदम

पेइचिंग: अपनी विस्तारवादी नीतियों की वजह से दुनियाभर के देशों के विरोध का सामना कर रहे चीन अब बौखला गया है। भारत के साथ लद्दाख में एलएसी पर चल रहे तनाव और अमेरिका के साथ ताइवान को लेकर चल रहे तनाव को लेकर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सीधी धमकी दी है। उन्होंने कहा है कि अगर चीन के सुरक्षा हितों और संप्रभुता को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई थी फिर हम खाली हाथ पर हाथ धरे रहकर नहीं बैठेंगे। उन्होंने कहा कि अगर हालात जटिल होते हैं तो चीनी लोग इसका मुंहतोड़ जवाब देंगे।

नहीं सहेंगे गुंडई

 शी ने बीजिंग में ग्रेट हॉल ऑफ द पीपल में दिए भाषण में कहा, एकतरफावाद, एकाधिकारवाद और गुंडई कतई नहीं चलेगी और इसका एक ही नतीजा होगा वो है खात्मा। शी ने कहा कि देश की रक्षा और सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण में तेजी लाने के लिए भी कदम उठाए गए हैं। दरअसल जिनपिंग यहां पीपुल्स वालंटियर आर्मी (पीवीए) की यूएन तैनाती की 70 वीं वर्षगांठ पर बोल रहे थे।

मुंहतोड़ जवाब देंगे

इस दौरान चीनी राष्ट्रपति ने कहा, 'ना चीन आधिपत्य करने की कोशिश करेगा और ना ही विस्तावरवाद को बढ़ावा देगा लेकिन यदि हमारी संप्रभुता और सुरक्षा हितों की अनदेखी की गई तो फिर हम खाली हाथ नहीं बैठेंगे। ये हम कभी स्वीकार नहीं करेंगे की चीनी क्षेत्र पर कोई अतिक्रमण करे या फिर उसे बांटने की कोशिश करे। चीन की जनता हर स्थिति का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है।'

लगातार घिर रहा है चीन

चीनी राष्ट्रपति का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और चीन की सेनाएं लद्दाख में आमने सामने हैं वहीं चीन की हर चाल का दवाब देने के लिए अमेरिका लगातार ताइवान की मदद कर रहा है औऱ उसे अत्याधुनिक हथियार प्रदान कर रहा है। वहीं अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया तथा जापान से भी उसके संबंध लगातार नाजुक दौर से गुजर रहे हैं। वहीं कोरोना महामारी को लेकर भी उसे वैश्विक स्तर पर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।