- गलवान हिंसा के बाद पीएम मोदी और शी जिनपिंग पहली बार आमने-सामने होंगे
- दोनों नेता वर्चुअल ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान एक-दूसरे के आमने-सामने होंगे
- रूस की अध्यक्षता में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आयोजन 17 नवंबर को होना है
नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन से तनातनी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग 17 नवंबर को एक-दूसरे के आमने-सामने होंगे। दोनों एक ही कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। हालांकि कोरोना संक्रमण के बीच इसका आयोजन वर्चुअल तरीके से किया जा रहा है। दोनों नेता 17 नवंबर को होने वाले ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की आयोजन इस बार रूस की अध्यक्षता में किया जा रहा है। ब्रिक्स सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है, जब भारत और चीन के बीच एलएसी पर तनाव बरकरार है। गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच जून में हुई हिंसक झड़प के बाद यह इस तरह का कोई पहला आयोजन है, जिसमें दोनों देशों की सरकारों के प्रमुख हिस्सा लेने जा रहे हैं।
ब्रिक्स ने जारी किया बयान
ब्रिक्स की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस शिखर सम्मेलन का थीम वैश्विक स्थिरता, साझा सुरक्षा एवं नवोन्मुखी विकास होगा, जिसका मुख्य उद्देश्य जीवन यापन के मानदंडों में सुधार और जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाना है। बयान में यह भी कहा गया कि इस साल ब्रिक्स के सभी पांच देशों ने शांति एवं सुरक्षा, आर्थिक एवं वित्तीय, सांस्कृतिक एवं आपसी जनसंपर्क जैसे तीन महत्वपूर्ण स्तंभों पर घनिष्ठ सामरिक साझेदारी की।
उल्लेखनीय है कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच सैन्य गतिरोध की स्थिति अप्रैल के आखिर से ही बनी हुई है, जिसकी हिंसक परिणिति गलवान घाटी में 15 जून में सामने आई थी। दोनों देशों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। चीन ने लंबे अरसे तक नहीं बताया कि उसके कितने सैनिक इस झड़प में हताहत हुए, पर रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन को दोगुना नुकसान उठाना पड़ा।