नई दिल्ली/बीजिंग : चीन में कोरोना वायरस के कारण 41 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि लगभग 1,300 लोग इसकी चपेट में हैं। इसे लेकर भारत में भी विशेष सतर्कता बरती जा रही है, जिसके लगभग 1,200 छात्र चीन के विभिन्न शहरों में रहते हैं। जानकारों का कहना है कि अगर इनमें से कोई भी इस संक्रामक बीमारी की चपेट में आता है और स्वदेश लौटता है तो भारत में भी इसके संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। फिलहाल इसका टीका विकसित नहीं हुआ है, जिसके कारण चिकित्सकों का कहन है कि ज्यादा से ज्यादा सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
फेफड़ों को प्रभावित करता है ये वायरस, जानें लक्षण
इस वायरस के संक्रमण से पीड़ित लोगों में आम तौर पर सर्दी-जुकाम, बुखार, खांसी और निमोनिया के लक्षण सामने आते हैं, जो धीरे-धीरे फेफड़ों को प्रभावित करने लग जाता है और लोगों को सांस लेने में परेशानी होने लगती है। फिलहाल इसके टीके की खोज नहीं हुई है। ऐसे में सावधानी ही बचाव का सबसे बेहतर तरीका है। सावधानी के तौर पर लोगों को संक्रमित और बीमार लोगों से दूर रहना चाहिए। इस वायरस के अन्य लक्षणें में सिरदर्द, नाक बहना, गले में खराश, थकान महसूस होना, बार-बार छींक आना, अस्थमा की हालत का और बिगड़ जाना और फेफड़ों में सूजन शामिल है। कई मरीजों में ये लक्षण अपने आप भी दूर भी हो जाते हैं, पर कुछ लोगों की हालत बिगड़ती चली जाती है और फिर जान पर बन आती है।
कहां से आया यह वायरस
माना जा रहा है कि यह वायरस चीन के सी-फूड मार्केट से लोगों में फैला, जिसे फिलहाल बंद कर दिया गया है। दरअसल यहां कई तरह के जानवरों को खाने की परंपरा रही है और लोग बड़े शौक से यहां खरीदारी के लिए पहुंचते हैं। समझा जा रहा है कि यहीं से वायरस लोगों में पहुंचा और अब यह इंसानों से इंसानों में फैल रहा है, जिसका अर्थ यह है कि अगर परिवार के एक सदस्य को यह संक्रमण हुआ है तो दूसरे को भी हो सकता है। इस वायरस का संक्रमण मरीजों से डॉक्टर में होने की आशंका भी रहती है। चीन में ऐसे तकरीबन 9 मामले सामने भी आए हैं, जहां स्वास्थ्यकर्मी मरीजों का इलाज करते हुए इस वायरस की चपेट में आ गए। इनमें ज्यादातर नर्स और मरीजों की देखभाल करने वाले कर्मचारी शामिल हैं।
चीन में ही क्यों फैलते हैं ऐसे वायरस
चीन में फिलहाल जहां कोरोना वायरस के कारण हड़कंप की स्थिति है, वहीं यह ऐसा पहला वाकया नहीं है, जब इस तरह के जानलेवा वायरस ने यहां कहर ढाया हो। इससे पहले वर्ष 2003 में यहां सार्स (Severe Acute Respiratory Syndrome) के कारण में करीब 900 लोगों की जान चली गई थी, जबकि 8,422 संक्रमित हुए थे। इस बार भी लगभग 20-25 दिनों के भीतर चीन में करीब 1300 लोग इस जानलेवा वायरस की चपेट में आ गए हैं, जबकि 41 की जान जा चुकी है। आखिर इतनी तेजी के साथ यहां वायरस का प्रसार क्यों होता है? जानकारों का कहना है कि चीन की बड़ी आबादी और घनत्व के कारण यहां के लोग बड़ी जल्दी जानवरों के संपर्क में आ जाते हैं।
भविष्य के लिए खतरनाक
कोरोना वायरस को सार्स के बेहद करीब माना जा रहा है। शुरुआती शोध के आधार पर अनुमान जताया जा रहा है कि सार्स वायरस संभवत: किसी अन्य प्रजाति के जीव से सांप में गया, जिसके बाद इसने अपना जीनोम बदल लिया और अधिक खतरनाक हो गया। डब्ल्यूएचओ ने इसे 2019-एनकोवी नाम दिया है, जो अब इंसानों से इंसानों में फैल रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह नया तथ्य सामने आया है, जिसमें दो जीवों के वायरस ने मिलकर नया वायरस बना लिया और अब यह खाने-पीने की चीजों और हवा के जरिये इंसानों में फैल रहा है। वायरस के जीनोम में आए इस तरह के बदलाव को जानकारों ने भविष्य के लिए बेहद खतरनाक बताया है।