नई दिल्ली : चीन में कोरोना वायरस तबाही मचा रहा है। इस बीमारी से जहां 1,500 लोगों की जान जा चुकी है, वहीं करीब 65,000 लोग इस संक्रामक वायरस की चपेट में हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे अंतरराष्ट्रीय जनस्वास्थ्य आपदा घोषित कर दिया है। न तो इस संक्रामक रोग के इंसानों में फैलने का कारण अभी स्पष्ट हो पाया है और न ही इसका कोई सटीक उपचार ढूंढ़ा जा सका है। इस बीच इसका माइक्रोस्कोपिक पिक्चर सामने आया है, जिसे देखकर दिल बैठ जाता है कि यही वह वायरस है, जिसने सैकड़ों लोगों की जिंदगियां और जिसके कारण आज हजारों लोग जिंदगी व मौत से जूझ रहे हैं।
कोरोना वायरस की यह माइक्रोस्कोपिक पिक्चर अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शन डिजीज (NIAID) ने मंगलवार को जारी की है। यह इंस्टीट्यूट अमेरिकी राज्य मोंटाना में है, जिसके वैज्ञानिकों ने इस जानलेवा वायरस का स्कैनिंग व ट्रांसमिशन इलेक्ट्रोन माइक्रोस्कोप इमेज जारी किया। इस वायरस को COVID-19 नाम दिया गया है। यह इंसानों में नहीं पाया जाता है।
अब तक के अनुमानों के मुताबिक, यह इसे सार्स (Severe Acute Respiratory Syndrome) श्रेणी का ही वायरस माना जा रहा है, जिसने चीन में 2002-2003 के दौरान भारी तबाही मचाई थी और जिससे करीब 900 लोगों की जान चली गई थी, जबकि करीब लोग 8,422 लोग संक्रमित हुए थे। माना जा रहा है कि यह वायरस इंसानों में चमगादड़ से फैला था।
अब कहा जा रहा है कि चमगादड़ में मौजूद वही वायरस सांप में गया, जिसके बाद इसने अपना जीनोम बदल लिया और सार्स के मुकाबले अधिक खतरनाक हो गया। डब्ल्यूएचओ ने वायरस के इसी जीनोम को COVID-19 नाम दिया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस तरह दो जीवों के वायरस के मिलकर एक नया वायरस बना लिए जाने और फिर हवा तथा खाने-पीने की चीजों के जरिये इंसानों को संक्रमित करना बिल्कुल नई बात है। इस तरह से वायरस के जीनोम में आया बदलाव भविष्य के लिए बेहद खतरनाक है।
माना जा रहा है कि यह वायरस दिसंबर 2019 में भी चीन के वुहान शहर में एक सीफूड मार्केट से इंसानों में फैला, जहां कई तरह के जीव-जंतु मिलते हैं और लोग बड़े चाव से इनके व्यंजन बनाकर खाते हैं। इस बीच चीन ने गहराते संकट को देखते हुए राजधानी बीजिंग पहुंचनेवाले हर शख्स को 14 दिनों के लिए अनिवार्य रूप से आइसोलेशन वार्ड में रखे जाने का ऐलान किया है और ऐसा नहीं करने वालों को दंडित करने की बात भी कही है। वहीं डब्ल्यूएचओ अब भी इसकी जांच में जुटा है कि यह वायरस आखिर किस तरह लोगों के बीच तेजी से फैल रहा है।