इस्लामाबाद : कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए भारत सहित दुनिया के कई देशों में वैक्सीनेशन का काम शुरू हो चुका है। भारत ने अपने कई मित्र देशों को कोरोना वैक्सीन की खेप भी पहुंचाई है। इन सबके बीच पाकिस्तान इस मामले में पिछड़ता नजर आ रहा है। यहां कोविड-19 संक्रमण से बचाव को लेकर लंबे समय से वैक्सीन का इंतजार हालांकि उस वक्त खत्म हो गया, जब चीन से कोविड-19 के वैक्सीन की पहली खेप यहां पहुंची, लेकिन पाकिस्तान की लगभग 70 फीसदी अवाम के लिए कोरोना वैक्सीन की खुराक हासिल करना अब भी इमरान खान के लिए एक चुनौती बनी हुई है।
पाकिस्तान में चीन की कंपनी साइनोफार्म से कोविड-19 वैक्सीन की पहली खेप पहुंची है। इस कंपनी ने जिस वैक्सीन का निर्माण किया है, उसका नाम सिनोवैक बताया गया है और इसके ट्रायल के तीनों चरण पूरे होने की बात कही गई है। बताया जा रहा है कि इसे 18 हजार वॉलंटियर्स पर आजमाया गया है। इसकी पांच लाख खुराकें पाकिस्तान पहुंची हैं, जो नि:शुल्क है। हालांकि पूरे देश में वैक्सीन को पहुंचाना और बड़ी संख्या में लोगों को टीका लगवाना इमरान खान की अगुवाई वाली सरकार के लिए एक मुश्किलभरा काम है। चीन के साथ-साथ पाकिस्तान की नजरें इस संबंध में रूस से मिलने वाली मदद पर भी टिकी हुई है।
आर्थिक तंगी बनी सबसे बड़ी मुश्किल
पाकिस्तान हालांकि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका, फाइजर, मॉडर्ना द्वारा विकसित वैक्सीन हासिल करने की कोशिशों में भी जुटा है। लेकिन इस काम में उसके लिए सबसे बड़ी अड़चन उसका बजट है। रिपोर्ट्स के अनुसार पाकिस्तान ने कोविड-19 वैक्सीन के लिए 150 अरब डालर आवंटित किए हैं। लेकिन इससे वैक्सीन की 10 लाख या इससे कुछ ज्यादा खुराक ही खरीदी जा सकती है। ऐसे में इससे पाकिस्तान की महज 0.2 फीसदी आबादी के ही लाभान्वित होने की उम्मीद है, जबकि इस संक्रामक रोग से निजात पाने में अहम हर्ड इम्युनिटी विकसित होने के लिए कम से कम 70 फीसदी आबादी का वैक्सीनेशन जरूरी है।
साफ तौर पर पाकिस्तान को इसके लिए एक बड़े बजट की दरकार है, लेकिन आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान की इमरान सरकार के लिए फिलहाल यह टेढ़ी खीर साबित होती नजर आ रही है। लगभग 22 करोड़ की आबादी वाले पाकिस्तान में कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सीन के 40 करोड़ डोज की आवश्यकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यहां तभी लोगों में 'हर्ड इम्युनिटी' विकसित होगी। लेकिन आर्थिक मोर्चे पर कई चुनौतियों का सामना कर रही इमरान सरकार अपनी अवाम के लिए वैक्सीन की यह खुराक हासिल कर पाएंगे, इसे लेकर पाकिस्तान में भी संशय की स्थिति बनी हुई है।
फ्री के चक्कर में पीछे रह गया पाकिस्तान
बताया जा रहा है कि पाकिस्तान ने नि:शुल्क वैक्सीन हासिल करने के चक्कर में पहले ही वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों को ऑर्डर नहीं दिए, जिसके कारण वह इस दौड़ में पिछड़ चुका है। वैक्सीन निर्माताओं के पास इस साल के लिए सभी ऑर्डर बुक हो जाने की बात भी सामने आ रही है और ऐसे में अगर पाकिस्तान अब ऑर्डर देता भी है तो उसे कब तक टीका मिल पाएगा, इस बारे में साफ-साफ कुछ भी नहीं कहा जा सकता। आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान में हाल ही में जिन तीन टीकों को मंजूरी दी गई थी, उनमें चीन की सिनोवैक के अतिरिक्त रूस की स्पूतनिक V और ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित कोविशील्ड भी शामिल है।