- काबुल एयरपोर्ट पर गुरुवार शाम हुए दो शक्तिशाली बम विस्फोटों में कम से कम 72 लोगों के मारे गए हैं
- अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि काबुल एयरपोर्ट पर जो त्रासदी हुई उसे होने नहीं देना चाहिए था
- अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड जे ऑस्टिन ने कहा है कि उनका देश रेस्क्यू मिशन से पीछे नहीं हटेगा
वाशिंगटन : काबुल एयरपोर्ट पर गुरुवार शाम हुए विस्फोटों में अमेरिका के 12 नागरिक मारे गए हैं और करीब 15 लोग घायल हुए हैं। इस हमले के बाद अमेरिकी के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने एक बयान के जरिए राष्ट्रपति जो बाइडेन पर निशाना साधा है। ट्रंप ने कहा है कि काबुल एयरपोर्ट पर जो त्रासदी हुई उसे होने नहीं देना चाहिए था। जाहिर है कि ट्रंप ने रेस्क्यू मिशन पर बाइडेन सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं। इस बीच, आतंकवादी समूह आईएसआईएस-के ने काबुल एयरपोर्ट पर हुए दो बम विस्फोटों की जिम्मेदारी ली है।
अमेरिकी रक्षा मंत्री ने शोक जताया
अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड जे ऑस्टिन ने एयरपोर्ट हमलों में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए अपनी शोक संवेदना जाहिर की है। साथ ही उन्होंने कहा है कि हम इससे अपने रेस्क्यू मिशन से पीछे नहीं हटेंगे।
अमेरिकी दूतावास ने सुरक्षा अलर्ट जारी किया
काबुल स्थित अमेरिकी दूतावास ने अपने नागरिकों के लिए सुरक्षा अलर्ट जारी किया है। दूतावास ने अमेरिकी नागरिकों से एयरपोर्ट की यात्रा न करने की सलाह दी है। गुरुवार शाम हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर हुए दो शक्तिशाली बम विस्फोटों में अब तक कम से कम 72 लोगों के मारे जाने की बात सामने आई है।
हताहतों की संख्या बढ़ सकती है
अधिकारियों का कहना कि अमेरिकी सेना के कई जवान घायल हुए हैं और इनकी संख्या बढ़ सकती है। वहीं, रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा कि हवाईअड्डे के पास दो आत्मघाती हमलावरों और बंदूकधारियों ने भीड़ को निशाना बनाकर हमला किया, जिसमें कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई जबकि दर्जनों लोग घायल हुए हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने हमले की निंदा की
पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि एक धमाका हवाईअड्डे के प्रवेश द्वार के पास हुआ जबकि दूसरा एक होटल से कुछ दूरी पर हुआ। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने काबुल हवाईअड्डे पर हुए आतंकवादी हमले की निंदा की और कहा कि यह घटना अफगानिस्तान के जमीनी हालात की अस्थिरता को दर्शाती है।