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G-7: चौतरफा हमले से तिलमिलाया चीन, ताइवान-हांगकांग, कोरोना पर हुई घेराबंदी

G7 Countries targets china over human rights, demands COVID origins investigation
Updated Jun 14, 2021 | 08:55 IST

ब्रिटेन में G-7 देशों की हुई बैठक में चीन को लेकर चिंता जताने के साथ-साथ उससे निपटने की रणनीति पर चर्चा हुई। दुनिया के ताकतवर मुल्क चाहते हैं कि कोरोना की उत्पत्ति की जांच नए सिरे से हो।

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G7 Countries targets china over human rights, demands COVID origins investigationG7 Countries targets china over human rights, demands COVID origins investigation
तस्वीर साभार:&nbspAP
जी-7 सम्मेलन में ताइवान-हांगकांग, कोरोना पर चीन की हुई घेराबंदी।
मुख्य बातें
  • जी-7 सम्मेलन में विश्व व्यवस्था में चीन की भूमिका पर उठे सवाल
  • देशों ने मानवाधिकार उल्लंघन पर चीन को कठघरे में खड़ा किया
  • देशों के समूह ने कोरोना की उत्पत्ति की नए सिरे से जांच की मांग की

नई दिल्ली : ब्रिटेन में संपन्न जी-7 सम्मेलन में चीन पर चौतरफा हमले हुए हैं। मानवाधिकार, कोरोना संकट और ताइवान मसले पर दुनिया के ताकतवर मुल्कों ने उसे खूब खरी-कोटी सुनाई है। जी-7 के देशों ने माना है कि चीन की सोच बाकी दुनिया के लोकतांत्रिक नजरिए से मेल नहीं खाती। चीन के 'वन बेल्ट रोड इनिशिएटिव' पर भी सवाल उठाया गया। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चीन की रणनीति का विकल्प तैयार करने के बारे में सुझाव दिया। इसके अलावा जी-7 के देशों ने चीन के कर्ज की जाल से गरीब देशों को निकालने के लिए एक रूपरेखा तैयार करने पर जोर दिया। जी-7 देशों की इस बैठक में चीन को एक समस्या के रूप में देखा गया। 

देशों ने चीन को अपना प्रतिद्वंद्वी बताया
जी-7 की ओर से जारी बयान में सभी देश एक बात पर सहमत दिखे कि संवेदनशील मुद्दों पर चीन को निष्पक्ष कार्रवाई करने की जरूरत है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने चीन को अपना मुख्य रणनीतिक प्रतिद्वंद्वी बताया। अमेरिका गरीब देशों को अपने कर्ज में फंसाने की चीन की 'चाल' की काट तैयार करने की दिशा में काम करने की बात कही है। 

शिनजियांग, हांगकांग का मुद्दे पर हुई बात
जी-7 ने अपने में कहा, 'हम चीन से मानवाधिकार एवं मौलिक अधिकारों का सम्मान करने का आह्वान करते हुए अपने मूल्यों का बढ़ावा देंगे। खासकर शिनजियांग प्रांत में लोगों के मानवाधिकार हनन की घटनाएं सामने आई हैं। हांग कांग को और अधिक स्वायत्तता देने और नागरिकों की आजादी का सम्मान करने की जरूरत है।'  जी-7 के देश अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, ब्रिटेन और जापान चाहते हैं कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति की नए सिरे से जांच हो और यह जांच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की विशेषज्ञों की टीम करे। बाइडेन ने कहा, 'हमें चीन की प्रयोगशाला तक नहीं जा पाए।'

कोरोना की उत्पत्ति की नए सिरे से जांच चाहता है जी-7
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अभी यह साफ नहीं हो सका है कि कोरोना वायरस का संक्रमण चमगादड़ से इंसानों में आया या यह संकट किसी प्रयोगशाला से निकला। जी-7 के देशों ने कहा कि ताइवान में शांति एवं स्थरिता की जरूरत है। देशों ने कहा, 'हम पूर्वी एवं दक्षिण चीन सगार की स्थिति पर गंभीर चिंता प्रकट करते हैं। हम इलाके में तनाव बढ़ाने एवं यथास्थिति में बदलाव के किसी भी एकतरफा कार्रवाई का कड़ा विरोध करते हैं।'

घेरे जाने पर भड़का चीन
जी-7 देशों की ओर से आलोचना किए जाने पर चीन भड़क गया। लंदन स्थित चीनी दूतावास ने बयान जारी कर ‘हम हमेशा से मानते हैं कि देश, बड़े या छोटे, मजबूत या कमजोर, गरीब या अमीर, एक समान हैं और विश्व मामलों को सभी देशों द्वारा परामर्श के माध्यम से संभाला जाना चाहिए। वे दिन बहुत पहले ही बीत गए जब वैश्विक निर्णय देशों के एक छोटे समूह द्वारा तय किए जाते थे।’दुनिया में केवल एक प्रणाली और एक व्यवस्था है, वह है अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था जिसके मूल में संयुक्त राष्ट्र है और अंतरराष्ट्रीय कानून पर आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था है, न कि तथाकथित प्रणाली और व्यवस्था जिसकी मुट्ठी भर देशों द्वारा वकालत की जाती है।’