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चीनी नागरिकों को भारत से बुलाने का गलत मतलब न निकालें, सीमा विवाद नहीं बढ़ाना चाहता चीन: ग्लोबल टाइम्स

Global Times article on India-China tension
Updated May 27, 2020 | 07:31 IST

Global Times article on India China Tension: चीन के अखबार ग्लोबल टाइम्स का कहना है कि भारत से उसके नागरिकों को वापस बुलाने का गलत मतलब नहीं निकालना चाहिए।

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Global Times article on India-China tensionGlobal Times article on India-China tension
तस्वीर साभार:&nbspBCCL
भारत चीन तनाव पर ग्लोबल टाइम्स ने लिखा लेख (प्रतीकात्मक तस्वीर)
मुख्य बातें
  • चीन के साथ सीमा विवाद के बाद अर्थव्यवस्था के मोर्च पर भी सावधान है भारत
  • लद्दाख में तनाव बढ़ने के बीच भारत से अपने नागरिकों को वापस बुला रहा है चीन
  • चीनी नागरिकों की वापसी को सामान्य बताते हुए ग्लोबल टाइम्स ने दी दलील

नई दिल्ली: लद्दाख पर एक बार फिर भारत और चीन के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है और दोनों देशों की सेनाओं ने एक दूसरे के बेहद करीब टेंट बना लिए हैं। हालांकि चीन का पड़ोसी देशों का भड़काने का इस तरह का रवैया बहुत पुराना है और ड्रैगन ऐसी हरकतों के लिए बेहद अनिश्चितता भरा रवैया अपनाते हुए टेढ़े मेढ़े बहाने बनाता है। इस बार भले ही भारत के सीमा पर सड़क बनाने का बेबुनियाद बहाना उसने पकड़ा हो लेकिन इसके पीछे कोरोना से ध्यान हटाने की कोशिश और विदेशी कंपनियों के चीन से भारत जाने के डर को चीनी गतिविधियों की वजह माना जा रहा है। जाहिर तौर पर लद्दाख के बाद भारत- चीन के बीच संभावित सैन्य संघर्ष की चर्चा शुरु हो गई है लेकिन इस बीच चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने इससे असहमति जताई है।

चीन ने अपने नागरिकों की भारत से स्वदेश वापसी को लेकर लगातार कदम उठा रहा है और इन अटकलों के बीच कुछ ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि ड्रैगन सैन्य संघर्ष की हिमाकत की तैयारी कर रहा है। इन्हीं अटकलों को निराधार बताते हुए चीनी प्रमुख समाचार वेबसाइट ग्लोबल टाइम्स ने एक लेख लिखा है।

IndiaChinaBorderTension

इसमें लिखा है, 'नई दिल्ली में चीनी दूतावास के नोटिस के अनुसार, चीन सरकार अपने ऐसे नागरिकों के लिए विशेष उड़ानों की व्यवस्था करने में मदद करेगी जो घर आने के इच्छुक हैं लेकिन देश के कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण भारत में फंस गए हैं। इसे दूतावास द्वारा अपने नागरिकों को प्रदान की जाने वाली सामान्य सेवा के रूप में देखा जाना चाहिए। इससे मीडिया में गैर-जिम्मेदार अटकलों का एक नया दौर शुरू हो गया है कि चीन सीमा विवादों को बढ़ाने के लिए तैयारी कर सकता है।'

'नागरिकों को बुलाना एक सामान्य प्रक्रिया'

ग्लोबल टाइम्स ने चीन के कदम की जरूरत बताते हुए कहा, 'सोमवार को भारत COVID-19 महामारी में 10वां सबसे प्रभावित देश बन गया है। भारत सरकार को इस बार चीन के कदम का गलत मतलब नहीं निकालना चाहिए। आखिर, कुछ दिनों पहले भारत सरकार ने भी विदेश में फंसे अपने नागरिकों को घर लाने के लिए इसी तरह की कार्रवाई की थी।'

अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर चीन के खिलाफ कदम उठा रहा भारत

ग्लोबल टाइम्स ने अर्थव्यव्यवस्था के मोर्चे पर चीन के खिलाफ भारत के कदमों का जिक्र भी किया और लिखा, 'चीन-भारत आर्थिक और व्यापारिक आदान-प्रदान की एक अजीब स्थिति में फंस गए हैं। उदाहरण के लिए, चीनी कंपनियों से संभावित अधिग्रहण को रोकने के लिए अपनी विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति को बदलने के बाद, भारत सरकार कथित तौर पर भारतीय बाजार में चीनी निवेशकों की पहुंच को कम करने पर विचार कर रही है।'

चीनी समाचार वेबसाइट का कहना है कि भारत के ऐसे कदमों से चीनी पूंजी के प्रति घरेलू शत्रुता बढ़ेगी और द्विपक्षीय व्यापार पर अनावश्यक दबाव पड़ेगा जिससे भारत का भी नुकसान होगा।

सीमा विवाद को व्यापार से न जोड़ने के लिए ग्लोबल टाइम्स की दलील

ग्लोबल टाइम्स ने कहा, 'चीन का स्पष्ट रूप से भारत के साथ सीमा विवाद को बढ़ाने का कोई इरादा नहीं है, इसलिए अपने नागरिकों को दी जाने वाली सहायता की ज्यादा व्याख्या नहीं की जानी चाहिए। सीमा का मुद्दा कई समस्याओं में से एक हो सकता है। हालांकि, इससे द्विपक्षीय आर्थिक और व्यापार संबंधों में ऐसे बदलाव नहीं करने चाहिए।'

जाहिर तौर पर चीन इस बात से डर रहा है कि सीमा पर तनाव बढ़ाने की कोशिश कहीं उसे भारी न पड़ जाए क्योंकि भारत चीनी सामान के सबसे बड़े आयातकों में से एक है और ऐसे में भारत की नाराजगी उसके लिए घातक साबित हो सकती है।