- अमेरिका में कोरोना के कारण मौत का आंकड़ा 1 लाख के पार पहुंचा
- दक्षिण अमेरिकी देश ब्राजील में स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है
- रूस में भी बढ़ रहे हैं मामले लेकिन पुतिन ने कहा है कि निकल गया बुरा दौर
नई दिल्ली: कोरोना वायरस से पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा अगर कोई देश अबतक प्रभावित हुआ है तो वो है सुपर पावर अमेरिका। अमेरिका में कोरोना संक्रमण के मामले ट्रंप प्रशासन की तमाम कोशिशों के बावजूद थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। स्थिति इतनी भयावह हो गई है कि अकेले अमेरिका में ही अबतक 1 लाख लोग कोरोना की वजह के काल के गाल में समा गए हैं। मंगलवार को अमेरिका ने इस आंकड़े को पार किया है। वहीं अब ब्राजील और रूस में भी स्थिति भयावह होती जा रही है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ द्वारा मंगलवार को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक पूरी दुनिया में कोराना संक्रमण के 54 लाख मामले सामने आ चुके हैं। पिछले 24 घंटे में ही एक लाख नए लोग संक्रमित हुए हैं। इस वायरस की चपेट में आकर कुल 3.43 लाख लोग मर चुके हैं। अकेले अमेरिका में 2,454,452 लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं जिनमें से 100572 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
ब्राजील में बढ़ रहा है मौतों का आंकड़ा
अमेरिका के बाद कोरोना ने जिन दो देशों को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है वो ब्राजील और रूस हैं। ब्राजील अमेरिका के बाद कोरोना संक्रमण के मामले में दूसरे और रूस तीसरे स्थान पर है। ब्राजील में 394,507 और रूस में 362,342 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। ब्राजील में 24,593 लोगों की मौत हो चुकी है।
पुतिन बोले निकल गया कोरोना का पीक
वहीं रूस में संक्रमण ज्यादा है लेकिन मौत का आंकड़ा 3807 तक पहुंचा है। रूस की राजधानी मॉस्को दुनिया के सबसे बड़े हॉटस्पॉट के रूप में उभरी है। यहां रूस में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमण के मामले हैं। न्यूयॉर्क को पछाड़कर मॉस्को पहले ही कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित शहर बन चुका है।रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन ने मंगलवार को कोरोना संक्रमण के बारे में बयान देते हुए कहा, विशेषज्ञों की राय में रूस में कोरोना का बुरा दौर गुजर चुका है।
जर्मनी में बढ़ी सोशल डिस्टेंसिंग की मियाद
जर्मनी में कोरोना वायरस के अबतक कुल 1.81 लाख मामले आ चुके हैं जिसमें 8400 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। ऐसे में जर्मनी की सरकार ने सावधानी बरतते हुए सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को 29 जून तक देश में बढ़ा दिया है ताकि कोरोना संक्रमण पर प्रभावशाली तरीके से नियंत्रण किया जा सके।