- इमरान खान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से निराश हूं, बहुत अफसोस हुआ।
- उन्होंने कहा कि हम 22 करोड़ पाकिस्तानियों को अमेरिका हुक्म दे रहा है।
- उन्होंने लोगों से शांति से बाहर आने और शांतिपूर्ण विरोध करने का भी आग्रह किया।
इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से एक दिन पहले देश को एक बार फिर संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से निराश हूं, अफसोस हुआ। मुझे मायूसी हुई। पाकिस्तान में सांसदों की खरीद-फरोख्त हुई। कोई भष्ट्र इस मुल्का का फैसला नहीं करेगा। पाक में खुलेआम हॉर्स ट्रेडिंग हो रही है। सुप्रीम कोर्ट को हॉर्स ट्रेडिंग रोकनी चाहिए थी। पाक पीएम ने पाकिस्तान के लोगों से भावनात्मक अपील की। उन्होंने पाकिस्तान के लोगों से ईशा (दिन की अंतिम नमाज़) के बाद रविवार को शांति से बाहर आने और शांतिपूर्ण विरोध करने का भी आग्रह किया। खान ने कहा कि मैं आप सभी के साथ संघर्ष करूंगा। मैं किसी आयातित सरकार को स्वीकार नहीं करूंगा।
पाकिस्तान किस ओर जा रहा है। पाकिस्तान में लोकतंत्र का मजाक उड़या जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने विदेशी साजिशों की चिट्ठी नहीं देखी। बच्चों की भविष्य के लिए जनता को खड़ा होना चाहिए। पाकिस्तान को अपने आप बचाना है। उन्होंने कहा कि एक गंभीर आरोप था, विदेशी फंडिंग के सबूत थे। इन फंडों का इस्तेमाल सरकार को गिराने के लिए कैसे किया गया। मैं चाहता था कि सुप्रीम कोर्ट को इस पर विचार करना चाहिए। एक खुला खरीद-फरोख्त हो रहा था। बनाना गणराज्य में भी नहीं हमने यह नहीं देखा।
उन्होंने कहा कि मेरा हमेशा से एक सपना था। अपने देश को समृद्ध बनाने के लिए, लेकिन ये चीजें आपके सपने को तोड़ देती हैं, मैंने दुनिया भर की यात्रा की है मैंने अपने जीवन के 20 ग्रीष्मकाल लंदन में बिताए हैं। मैंने किसी पश्चिमी लोकतंत्र में ऐसा कभी नहीं देखा। उन्होंने अपने समर्थकों से कहा है कि रविवार को शांति पूर्वक बेहतर पाकिस्तान के लिए सड़कों पर निकलें।
उन्होंने कहा कि अमेरिका ने कहा कि इमरान खान को रूस नहीं जाना चाहिए था। हम 22 करोड़ को अमेरिका हुक्म दे रहा है। इमरान का दावा है कि एक अमेरिकी राजनयिक ने पाक अंब को धमकी दी थी कि अगर इमरान अविश्वास प्रस्ताव से बचे तो पाकिस्तान को परिणाम भुगतने होंगे। इमरान खान का दावा, एक अमेरिकी राजनयिक ने पाकिस्तान के राजदूत से कहा कि अगर इमरान खान अविश्वास मत से बच गए, तो पाकिस्तान को भुगतना होगा। उन्होंने कहा कि पूरा प्लान बना हुआ था पूरी स्क्रिप्ट लिखी गई।
इमरान खान ने कहा कि अमेरिकी ने तब कहा था कि अगर इमरान खान हारता है तो पाक को माफ कर दिया जाएगा। उन्होंने यह भी नहीं कहा कि जो भी आएगा हम पहले देखेंगे कि वे क्या करते हैं। ऐसा लगता है कि वह नया जो आ रहा था।
उन्होंने कहा कि मैं अपने लोगों से कहना चाहता हूं। अगर हमें ऐसे ही जीना है तो हम स्वतंत्र क्यों हो गए? और फिर अनुमान लगाएं कि उसके (अमेरिकी व्यक्ति) कहने के बाद क्या होता है। मीडिया भी खरीद लिया। मीडिया को भी शर्म नहीं आती। जश्न है कि सरकार गिर रही है।
उन्होंने कहा कि हमें तय करना है कि हमें कैसा पाकिस्तान चाहिए। मैं भारत को औरों से ज्यादा जानता हूं। मेरे वहां दोस्त हैं और मुझे बहुत खेद है कि आरएसएस के कारण और वे कश्मीर में जो करते हैं, उससे हमारा कोई सरोकार नहीं है। लेकिन मैं कहता हूं कि भारत के साथ ऐसा करने का अधिकार किसी महाशक्ति को नहीं है। भारतीय बहुत स्वाभिमानी लोग हैं। कोई उन्हें हुक्म नहीं दे सकता। लेकिन उन्होंने जम्मू-कश्मीर और आरएसएस की विचारधारा में जो किया है वह अलग बात है। बाकी उसके लिए मेरे मन में उनके लिए बहुत सम्मान है। इमरान खान ने फिर की भारत की तारीफ, कहा- किसी भी महाशक्ति को भारत के साथ ऐसा करने की हिम्मत नहीं है जो उन्होंने पाकिस्तान के साथ किया क्योंकि हमारे पास मजबूत विदेश नीति नहीं है।
भारत और पाकिस्तान एक ही समय में स्वतंत्र हुए। भारत में मेरे बहुत सारे दोस्त हैं। सिर्फ कश्मीर की वजह से हमारे अच्छे संबंध नहीं हैं। लेकिन भारत एक आत्मनिर्भर और स्वाभिमानी देश है। कोई देश भारत को धमकी देने की सोच भी नहीं सकता।
इमरान खान के खिलाफ एक बार फिर अविश्वास प्रस्ताव पर शनिवार को वोटिंग होने जा रही है। गौर हो कि खान ने पिछले हफ्ते नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने से पहले सदन में बहुमत खो दिया था। खान को शनिवार को नेशनल असेंबली में शिकस्त मिलने की उम्मीद है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को गुरुवार को तब झटका लगा जब देश के सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम सूरी के विवादास्पद फैसले को रद्द कर दिया। साथ ही कोर्ट ने यह कहते हुए नेशनल असेंबली को बहाल करने का आदेश दिया कि संसद भंग करने और चुनाव कराने का प्रधानमंत्री का कदम असंवैधानिक था।
सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल असेंबली को भंग करने की, राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को प्रधानमंत्री खान द्वारा दी गई सलाह को भी असंवैधानिक करार दिया है।कोर्ट ने नेशनल असेंबली के अध्यक्ष (स्पीकर) को 9 अप्रैल को (स्थानीय समयानुसार) पूर्वाह्न 10 बजे अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान कराने का आदेश दिया है। इसने आदेश दिया है कि अगर अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया तो नए प्रधानमंत्री को चुना जाए। कोर्ट के फैसले पर अपनी टिप्पणी में संघीय सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि इस दुर्भाग्यपूर्ण फैसले ने पाकिस्तान में राजनीतिक संकट को बढ़ा दिया है।
प्रधानमंत्री खान को अपदस्थ करने के लिए विपक्षी दलों को 342 सदस्यीय सदन में 172 सदस्यों के समर्थन की जरूरत है और उन्होंने जरूरी संख्या से अधिक सदस्यों का समर्थन पहले ही प्रदर्शित कर दिया है। खबर में कहा गया है कि खान की पार्टी ने नई सरकार का हर मंच पर विरोध करने का फैसला किया है। खबर में कहा गया है कि खान के अब, पाकिस्तान के इतिहास में अविश्वास प्रस्ताव के जरिये सत्ता से हटाए जाने वाले पहले प्रधानमंत्री होने की संभावना है।