- घातक वायरस वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से लीक हुआ, इसकी जांच में जुटा अमेरिका
- ट्रंप बोले- कई लोग इसपर गौर कर रहे हैं। ऐसा लगता है कि इसमें कुछ सच्चाई है
- अमेरिका वुहान में चतुर्थ स्तर की एक प्रयोगशाला को दिया जाने वाला अनुदान समाप्त करेगा- ट्रंप
वाशिंगटन: अमेरिका उन खबरों पर गौर कर रहा है जिनमें दावा किया जा रहा है कि दुनिया भर में 1,50,000 से ज्यादा लोगों की जान लेने वाला नोवल कोरोना वायरस चीन के वुहान शहर की विषाणु विज्ञान प्रयोगशाला से “निकला” है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह बात कही है। फॉक्स न्यूज ने अपनी विशेष खबर में कहा कि अमेरिका उन दावों की व्यापक जांच कर रहा है कि क्या घातक वायरस वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से लीक हुआ है। साथ ही बताया कि खुफिया कर्मी प्रयोगशाला और रोगाणु के शुरुआती प्रकोप के बारे में जानकारी जुटा रहे हैं।
कर रहे हैं जांच- ट्रंप
कोरोना वायरस चीन की वुहान स्थित प्रयोगशाला से निकला है, इस सवाल पर ट्रंप ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस में प्रेस वार्ता में संवाददाताओं से कहा, 'हम इस पर गौर कर रहे हैं, कई लोग इसपर गौर कर रहे हैं। ऐसा लगता है कि इसमें कुछ सच्चाई है।' समाचार चैनल ने सूत्र के हवाले से कहा कि खुफिया विश्लेषक उन घटनाक्रमों को जुटा रहे है जिसकी सरकार को जानकारी है और ‘असल में जो हुआ उसकी सही-सही तस्वीर बना रहे हैं।'
समाप्त करेंगे अनुदान
ट्रंप ने कहा, ‘कई अजीब चीजें हो रही हैं लेकिन बहुत जांच होनी बाकी है और हम सच का पता लगा लेंगे।' उन्होंने कहा, 'मैं बस इतना कह सकता हूं कि यह कहीं से भी आया हो, चीन से जिस भी रूप में आया हो, इसके कारण अब 184 देश भुगत रहे हैं। ट्रंप ने यह भी कहा कि अमेरिका वुहान में चतुर्थ स्तर की एक प्रयोगशाला को दिया जाने वाला अनुदान समाप्त करेगा।
ओबामा प्रशासन ने दिया था अनुदान
राष्ट्रपति ने कहा, 'ओबामा प्रशासन ने उन्हें 37 लाख डॉलर का अनुदान दिया था। हम इस राशि को जल्द ही समाप्त करेंगे।' कई सांसदों के एक समूह ने सदन और सीनेट नेतृत्व को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के लिए भविष्य में कोरोना वायरस के संबंध में कोई राहत राशि न दी जाए।