- जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के 12 दिन बाद भी अमेरिका में जारी हैं नस्लवाद के खिलाफ प्रदर्शन
- शनिवार को वॉशिंगटन में जुटे सबसे ज्यादा प्रदर्शनकारी, डोनाल्ड ट्रंप की बढ़ाई गई सुरक्षा
- हटने लगा है अधिकांश शहरों में लूटपाट और हिंसा की घटनाओं के बाद लगा कर्फ्यू
वॉशिंगटन: अमेरिका में नस्लवाद और पुलिस की ज्यादतियों के खिलाफ देशभर में चल रहे प्रदर्शनों के सिलसिले में हजारों लोगों ने कई स्थानों पर शांतिपूर्ण मार्च किया। मास्क पहने और पुलिस सुधारों की मांग करते हुए शनिवार को प्रदर्शनकारी दर्जनों स्थानों पर एकत्रित हुए। वहीं नॉर्थ कैरोलीना में लोग जॉर्ज फ्लॉयड के शव वाले सुनहरे ताबूत की एक झलक पाने के लिए घंटों इंतजार करते रहे। अफ्रीकी-अमेरिकी फ्लॉयड की मिनियापोलिस में पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी।
करीब 12 दिन पहले फ्लॉयड की मौत के बाद संभवत: पहली बार सबसे अधिक संख्या में लोग एकत्रित हुए और वो भी ऐसे समय में जब आगजनी और हिंसा की घटनाओं के बाद लगाए कर्फ्यू को अधिकारियों ने हटाना शुरू कर दिया है। सबसे बड़ा प्रदर्शन वाशिंगटन में देखा गया जहां सड़कों पर प्रदर्शनकारी उमड़ पड़े।
कड़ी की गई राष्ट्रपति ट्रंप की सुरक्षा
गर्मी और उमस के बीच प्रदर्शनकारी कैपिटोल, नेशनल मॉल और आसपास के इलाकों में उमड़े। कई समूहों ने व्हाइट हाउस की ओर कूच किया। व्हाइट हाउस की सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के गोल्फ रिजॉर्ट के बाहर भी करीब 100 प्रदर्शनकारी एकत्रित हो गए।
सैन फ्रांसिस्को में गोल्डन गेट ब्रिज और न्यूयॉर्क में ब्रुकलिन ब्रिज में शांतिपूर्ण प्रदर्शन हुए। कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के बीच कई लोगों ने मास्क पहन रखा था। अश्वेत प्रदर्शनकारी रोड्रिक स्वीनी ने कहा कि उन्हें बड़ी संख्या में श्वेत प्रदर्शनकारियों को देखकर खुशी हुई है। फिलाडेल्फिया और शिकागो में प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी की।
बर्लिन में 15 हजार लोगों ने किया प्रदर्शन
अमेरिका के अलावा कई यूरोपीय देशों में भी नस्लवाद के खिलाफ प्रदर्शन हुए। जर्मनी की राजधानी बर्लिन के एलेक्जेंडर प्लेट्स स्कवैर पर 15 हजार लोगों की भीड़ एकत्रित हुई। पुलिस के अनुसार केवल 1500 लोंगों ने प्रदर्शन के लिए नामांकन कराया था। जर्मनी में ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन के समर्थन में लोगों ने काले कपड़े पहने थे। फ्रांस की राजधानी पेरिस में 10 लोगों से ज्यादा के एकत्रित होने पर पाबंदी लगी है बावजूद इसके लोगों ने यहां एकत्रित होकर अमेरिका में चल रहे आंदोलन के समर्थन में प्रदर्शन किया। ऐसे ही प्रदर्शन स्विटजरलैंड में भी हुए।
(एजेंसी इनपुट के साथ)