इस्लामाबाद : पाकिस्तान में करतापुर गुरुद्वारे को नवंबर 2019 में ही बनाया गया था, लेकिन आंधी-तूफान के कारण इसकी मीनारों को नुकसान पहुंचा है और 8 गुंबद टूट गए हैं। सिखों के पवित्र स्थल के तौर पर चिन्हित गुरुद्वारे की मीनारों को शुक्रवार को यहां आए तेज आंधी-तूफान से नुकसान पहुंचा। हालांकि गुरुद्वारे के गर्भगृह को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचा है।
6 महीने के भीतर ही गिरे गुंबद
गुरुद्वारे के गुंबद इसके बनने के 6 महीने के भीतर ही गिर गए हैं, जिस पर अरबों का खर्च आने की बात कही गई थी। अरबों का खर्च आने की बात कही गई थी। ऐसे में गंबदों के गिरने के बाद अब कई तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने नवंबर 2019 में इसका उद्घाटन किया था। गुरुद्वारे के जो आठ गुंबद गिरे हैं, उनमें चार इसकी मीनारों पर थे, जबकि दो संग्रहालयों पर, एक देवनिस्तान और एक दर्शन देअरी पर थे। सोशल मीडिया पर इनकी कई तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिसमें गुंबद गिरे पड़े नजर आ रहे हैं।
सिखों के लिए पवित्र
इस गुरुद्वारे का नवीनीकरण 6 महीने पहले ही हुआ था, जब भारत और पाकिस्तान के बीच बहुचर्चित करतारपुर कॉरिडोर की शुरुआत हुई, जो पाकिस्तान में करतापुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत में पंजाब के गुरदासपुर जिले में स्थित डेरा बाबा नानक से जोड़ता है। पाकिस्तान में करतापुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब सिखों के लिए बेहद धार्मिक महत्व वाली जगह है। माना जाता है कि गुरु नानक देव ने अपने जीवन के आखिरी वर्ष यहीं बिताए थे।
कोरोना के कारण बंद है यात्रा
इस कॉरिडोर के खुलने से पहले भारत में लोग अंतरराष्ट्रीय सीमा पर लगे दूरबीन से इस गुरुद्वारे के दर्शन करते थे। अब इस कॉरिडोर के खुल जाने के बाद उनके लिए करतारपुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब तक पहुंचना आसान हो गया है। हालांकि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण बीते 15 मार्च से करतारपुर कॉरिडोर के जरियरे यात्रा बंद कर दी गई है, जो भारत, पाकिस्तान के अलावे दुनिया के कई देशों में फैला है।