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29 जून से करतारपुर कॉरिडोर को फिर से खोलने की तैयारी में पाकिस्तान, इमरान के मंत्री ने दी जानकारी

Kartarpur Corridor
Updated Jun 27, 2020 | 12:00 IST

Kartarpur Corridor: पाकिस्तान 29 जून से सभी सिख तीर्थयात्रियों के लिए करतारपुर साहिब कॉरिडोर को फिर से खोलने की तैयारी में है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इस संबंध में जानकारी दी है।

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Kartarpur CorridorKartarpur Corridor
कोरोना के चलते बंद करना पड़ा था कॉरिडोर
मुख्य बातें
  • पाकिस्तान ने करतारपुर कॉरिडोर को फिर से खोलने का ऐलान किया है
  • पाकिस्तान ने विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इस संबंध में ट्वीट किया
  • मार्च के महीने में करतारपुर कॉरिडोर को लॉकडाउन के चलते बंद कर दिया गया था

नई दिल्ली: पाकिस्तान में स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के लिए तीर्थयात्रा जल्द ही फिर से शुरू होगी क्योंकि पाकिस्तान ने शनिवार को घोषणा की है कि वे इस महीने के अंत से पहले कॉरिडोर को फिर से खोलने की तैयारी कर रहा है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सोशल मीडिया पर घोषणा की कि 29 जून को करतारपुर साहिब कॉरिडोर को फिर से खोल दिया जाएगा।

कुरैशी ने ट्वीट किया, 'जैसा कि दुनिया भर में पूजा स्थल खुल रहे हैं, पाकिस्तान ने सभी सिख तीर्थयात्रियों के लिए करतारपुर साहिब कॉरिडोर को फिर से खोलने की तैयारी की है। महाराजा रणजीत सिंह की पुण्यतिथि के अवसर पर 29 जून 2020 को गलियारे को फिर से खोलने के लिए भारतीय पक्ष को हमारी तत्परता से अवगत करा रहे हैं।' 

कोरोना वायरस महामारी के चलते इस साल मार्च के महीने में इसे बंद कर दिया गया था। कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए दोनों देशों ने देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी। 

पिछले साल हुआ था उद्घाटन

पिछले साल 9 नवंबर को गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्‍य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करतारपुर कॉरिडोर देश को समर्पित किया था। यह कॉरिडोर पाकिस्‍तान में पंजाब प्रांत के नरोवाल जिले में स्थित करतारपुर के गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत में पंजाब के गुरदासपुर जिला स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारा से जोड़ता है। करतारपुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब को सिख श्रद्धालु गुरु नानक देव की कर्मस्‍थली के रूप में देखते हैं, जहां उन्‍होंने अपने जीवन के अंतिम तकरीबन 17-18 साल बिताए थे। उद्घाटन के बाद सिख श्रद्धालु गुरुद्वारा दरबार साहिब में खुला दर्शन करने लगे। इससे पहले उन्‍हें करतारपुर साहिब पहुंचने के लिए वीजा लेकर तकरीबन 125 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती थी और जो लोग वहां नहीं पहुंच पाते थे वे दूरबीन के जरिए गुरुद्वारा दरबार साहिब का दर्शन करते थे, जो पाकिस्‍तान के साथ लगने वाली अंतरराष्‍ट्रीय सीमा पर लगाया गया था।।