- पीएम मोदी बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना के साथ अहम मुलाकात करेंगे
- प्रधानमंत्री मोदी ने बांग्लाादेश के यशोरेश्वरी काली मंदिर के दर्शन कर पूजा अर्चना की
- वो ओराकंडी भी गए हैं और वहां मतुआ समुदाय के प्रतिनिधियों को संबोधित किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांग्लादेश के दौरे पर हैं वो शुक्रवार को वहां पहुंचे थे और उन्होंने वहां कई अहम कार्यक्रमों में हिस्सा लिया वहीं आज यानि शनिवार को पीएम मोदी बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ मीटिंग करेंगे साथ ही वो कई अहम MoU पर भी साइन करने वाले हैं, बताया जा रहा है कि ये समझौते भारत-बांग्लादेश के रिश्तों को एक नई उंचाई देंगे।
पीएम मोदी ने कहा-ओराकांडी में भारत सरकार लड़कियों के मिडिल स्कूल को अपग्रेड करेगी और भारत सरकार द्वारा यहां एक प्राइमरी स्कूल भी स्थापित किया जाएगा। ये भारत के करोड़ों लोगों की तरफ से हरिचंद ठाकुर जी को श्रद्धांजलि है।
उन्होंने कहा-कोरोना महामारी के दौरान, भारत और बांग्लादेश ने अपनी क्षमताओं को साबित किया है। आज दोनों राष्ट्र इस महामारी का जोरदार तरीके से सामना कर रहे हैं और इसे साथ मिलकर लड़ रहे हैं। भारत इसे अपना कर्तव्य मानकर काम कर रहा है कि मेड इन इंडिया वैक्सीन बांग्लादेश के नागरिकों तक पहुंचे।
पीएम नरेंद्र मोदी ने ओरकंडी, बांग्लादेश में मतुआ समुदाय को संबोधित करते हुआ कहा-भारत और बांग्लादेश दोनों ही दुनिया को अपनी प्रगति के जरिए आगे बढ़ते देखना चाहते हैं। दोनों राष्ट्र अस्थिरता, आतंक और अशांति के बजाय दुनिया में स्थिरता, प्रेम और शांति देखना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि श्री श्री हॉरिचान्द देव जी के जीवन ने हमको एक और सीख दी है।उन्होंने ईश्वरीय प्रेम का भी संदेश दिया, लेकिन साथ ही हमें हमारे कर्तव्यों का भी बोध कराया। उन्होंने हमें ये बताया कि उत्पीड़न और दुख के विरुद्ध संघर्ष भी साधना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि किसने सोचा था कि भारत का प्रधानमंत्री कभी ओराकांडी आएगा। मैं आज वैसा ही महसूस कर रहा हूं, जो भारत में रहने वाले मतुआ संप्रदाय के मेरे हज़ारों-लाखों भाई-बहन ओराकांडी आकर महसूस करते हैं।
बांग्लादेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओरकंडी में मतुआ समुदाय को संबोधित कर रहे हैं, पीएम ने कहा, "मैं कई वर्षों से इस अवसर की प्रतीक्षा कर रहा था। 2015 में बांग्लादेश की यात्रा के दौरान, मैंने ओराकंडी जाने की इच्छा व्यक्त की थी, और आज यह इच्छा पूरी हो गई है।"
आज श्री श्री हॉरिचान्द ठाकुर जी की कृपा से मुझे ओराकान्डी ठाकुरबाड़ी की इस पुण्यभूमि को प्रणाम करने का सौभाग्य मिला है।मैं श्री श्री हॉरिचान्द ठाकुर जी, श्री श्री गुरुचान्द ठाकुर जी के चरणों में शीश झुकाकर नमन करता हूं
किसने सोचा था कि भारत का प्रधानमंत्री कभी ओराकान्दी आएगा। मैं आज वैसा ही महसूस कर रहा हूं, जो भारत में रहने वाले ‘मॉतुवा शॉम्प्रोदाई’ के मेरे हजारों-लाखों भाई-बहन ओराकान्दी आकर महसूस करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओरकांडी मंदिर में पूजा की।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नेगोपालगंज जिले के तुंगीपाड़ा स्थित ‘बंगबंधु’ शेख मुजीबुर रहमान के स्मारक का दौरा किया और वहां उनकी समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित की।बंगबंधु स्मारक परिसर पहुंचने पर मोदी का बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने स्वागत किया। वह शेख मुजीबुर रहमान की बेटी भी है। इस अवसर पर शेख हसीना की बहन शेख रेहाना भी मौजूद थीं।
मोदी ने ‘बंगबंधु’ की समाधि पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कुछ समय मौन भी रखा। वहीं, इस दौरान हसीना और उनके मंत्रिमंडल सहयोगियों ने 'फातिहा' पढ़ा।
पीएम मोदी के आज बांग्लादेश में कई और भी कार्यक्रम हैं, वहीं पीएम मोदी ने शनिवार की सुबह जशोरेश्वरी काली मंदिर (Jeshoreshwari Kali Temple) के दर्शन कर पूजा अर्चना भी की,दर्शन से पहले सतखीरा जिले के ईश्वरपुर में स्थित इस मंदिर को बड़े ही खूबसूरत ढंग से सजाया गया है यह मंदिर मां दुर्गा की 51 शक्तिपीठों में से एक है।
वहीं पीएम मोदी इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी गोपालगंज के ओराकंडी गए यहां वह मतुआ समुदाय के सबसे बड़े तीर्थ स्थल ठाकुरबाड़ी (Orakandi Thakur Bari) में दर्शन किया ।
बांग्लादेश की स्वतंत्रता के 50वीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे का कई कट्टरपंथी संगठन विरोध कर रहे हैं।
बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की बेटियों को गांधी शांति पुरस्कार सौंपा
वहीं इससे पहले शुक्रवार को दौरे के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले सावर स्थित राष्ट्रीय शहीद स्मारक का दौरा किया और 1971 में बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की थी। इसके बाद एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की बेटियों को गांधी शांति पुरस्कार सौंपा था। पीएम मोदी ने कहा कि यह हमारे लिये गर्व की बात है कि हमें शेख मुजीबुर रहमान को गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित करने का अवसर मिला।
व्यापार और उद्योग में जहां समान अवसर हैं, वहीं आतंकवाद में समान चुनौतियां भीं
पाकिस्तान का नाम लिए बगैर उस पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि व्यापार और उद्योग में जहां समान अवसर हैं, वहीं आतंकवाद में समान चुनौतियां भीं हैं। पीएम मोदी ने कहा, 'यह मेरी जिंदगी के सबसे यादगार दिनों में से एक है। मैं आभारी हूं कि बांग्लादेश ने इस आयोजन में मुझे शामिल किया। कोविड के दौरान दोनों देशों ने मिलकर काम किया। भारत इस बात से खुश है कि ‘भारत में निर्मित’ टीके का इस्तेमाल बांग्लादेश में लोगों के इलाज में हो रहा है।'
हमारा Land Boundary Agreement इसका गवाह
बांग्लादेश की आजादी के लिए संघर्ष में शामिल होना, मेरे जीवन के भी पहले आंदोलनों में से एक था। मेरी उम्र 20-22 साल रही होगी जब मैंने और मेरे कई साथियों ने बांग्लादेश के लोगों की आजादी के लिए सत्याग्रह किया था। आज भारत और बांग्लादेश दोनों ही देशों की सरकारें इस संवेदनशीलता को समझकर, इस दिशा में सार्थक प्रयास कर रही हैं। हमने दिखा दिया है कि आपसी विश्वास और सहयोग से हर एक समाधान हो सकता है। हमारा Land Boundary Agreement भी इसी का गवाह है।
पीएम मोदी ने कहा, 'यहां के लोगों पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार हमें व्यथित कर देता था, कई दिनों तक इन तस्वीरों ने हमें सोने नहीं दिया। बांग्लादेश के स्वाधीनता संग्राम को समाज के हर वर्ग से समर्थन प्राप्त हुआ। तत्कालीन पीएम श्रीमति इंदिरा गांधी के प्रयास और उनकी महत्वपूर्ण भूमिका सर्वविदित है।