- भारत से सीमा विवाद के बीच नेपाल में नमक व जरूरी सामानों की कीमत आसमान छू रही है
- सीमा पर तनाव के बीच सख्ती बढ़ा दी गई है, जिसकी वजह से लोगों की आवाजाही रुक गई है
- इससे पहले नेपाल के सीमावर्ती इलाकों से लोग बेरोक-टोक भारत पहुंच खरीदारी कर लिया करते थे
नई दिल्ली/काठमांडू : भारत और नेपाल के बीच एक अरसे से मित्रता रही है। दोनों देशों के बीच मिलीजुली संस्कृति रही है और रिश्ता बेटी-रोटी का रहा है। लेकिन बीते कुछ समय में भारत और नेपाल के रिश्तों में खटास देखी जा रही है, जिसकी मुख्य वजह सीमा विवाद के तौर पर सामने आई है। पिछले दिनों बिहार के सीतामढ़ी से लगी सीमा पर नेपाल की आर्म्ड पुलिस फोर्स की ओर से फायरिंग के बाद स्थिति और बिगड़ गई है। इस बीच भारत की तरफ से सीमा पर सख्ती भी की गई है, जिसके बाद नेपाल में नेपाल में रोजमर्रा के सामान की कीमतें आसमान छू रही हैं।
नेपाल में बढ़ी नमक की कीमत
इन जरूरी सामनों में नमक भी है, जिसका इस्तेमाल रोजमर्रा के खाने-पीने की चीजों में होता है। इसकी बढ़ती कीमतों से नेपाल के सीमावर्ती इलाकों में हाहाकार मचा हुआ है। रिपोर्ट्स के अनुसार, नेपाल में नमक 100 नेपाली करेंसी प्रति किलोग्राम के हिसाब से बेचा रहा है, जिसकी कीमत भारतीय मुद्रा में करीब 60 रुपये है। इसकी वजह से स्थानीय लोगों में अपनी ही सरकार के खिलाफ भारी नाराजगी है।
सीमा पर आसान थी आवाजाही
दरअसल, भारत और नेपाल की सीमा अरसे से खुली रही है, जिसके कारण बड़ी संख्या में लोग जरूरी सामनों की खरीद-बिक्री के लिए सीमा पार करते रहे हैं। सीमा चौकियों पर मामूली जांच के बाद उन्हें एक-दूसरे के क्षेत्रों में दाखिल होने की अनुमति रही है। इस दौरान वे जरूरी सामानों की खरीदारी कर लौट जाते थे। लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच भारत ने पिछले दिनों लॉकडाउन घोषित किया था।
सीमा पर चौकसी बढ़ने से लोग परेशान
नेपाल में भी कई पाबंदियां लगाई गई थीं। इसी क्रम में सीमा भी सील की गई थी और सीतामढ़ी की घटना के बाद तो सीमा क्षेत्रों में सख्ती और बढ़ा दी गई। ऐसे में लोगों का आसानी से सीमा पार करना अब मुश्किल हो गया है, जिसके कारण वे जरूरी सामानों की खरीद भी नहीं कर पाते। रिपोर्ट्स के अनुसार, नेपाल के सिरहा जिले से लोग बड़ी संख्या में मधुबनी के लदनियां बाजार पहुंचते रहे हैं। यहां उन्हें जरूरत सामान नेपाल की अपेक्षा कम कीमतों पर मिल जाता था। लेकिन अब सीमा पर चौकसी व निगरानी बढ़ने के बाद वे अधिक कीमत देकर अपने देश में ही खरीदारी के लिए मजबूर हैं।
अपनी ही सरकार को कोस रहे लोग
भारतीय क्षेत्रों से सामानों के नहीं पहुंच पाने के कारण नेपाल के इन सीमावर्ती इलाकों में जरूरी सामानों की कीमत भी आसमान छू रही है और लोग अधिक दाम देकर भी इन सामनों को खरीदने के लिए मजबूर हैं। ऐसे में स्थानीय जनता अपनी ही सरकार को कोस कर रही है और बार-बार भारत के साथ संबंधों को सामान्य बनाने और आपसी रिश्तों को मजबूत बनाने पर जोर दे रही है।
यहां उल्लेखनी है कि नेपाल में जहां नमक की कीमत पहले 16 नेपाली करेंसी प्रति किलोग्राम था, वहीं अब यह 100 नेपाली करेंसी हो गया है। सरसों तेल, चीनी, जीरा, काली मिर्च, अरहर दाल, केरोसिन तेल, मिर्च, चना दाल, चायपत्ती, खेसारी दाल आदि की कीमत में भी बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। सरसों का तेल प्रति लीटर 200 नेपाली करेंसी की बजाय अब 800 नेपाली करेंसी की दर से बिक रहा है, जबकि चीनी प्रति किलो 70 नेपाली करेंसी की बजाय 400 नेपाली करेंसी और चायपत्ती प्रति किलो 1000 नेपाली करेंसी के हिसाब से बिक रहा है।