- गलवान घाटी में हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए
- इस खूनी संघर्ष में 76 भारतीय सैनिकों घायल होने की भी रिपोर्ट है
- अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी है
वाशिंगटन : पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों में खूनी संघर्ष के बाद दोनों देशों के बीच स्थिति तनावपूर्ण है। हालांकि सीमा पर तनाव को बढ़ने से रोकने की हर संभव कोशिश की जा रही है और इसके लिए सैन्य तथा कूटनीतिक स्तर पर बातचीत भी जारी है, पर 20 सैनिकों की शहाद के बाद भारत में चीन के खिलाफ नाराजगी चरम पर है। इस हिंसक झड़प में 76 जवानों के घायल होने की रिपोर्ट भी सामने आई है। इस बीच अमेरिका ने भारत का समर्थन किया है और हिंसक झड़प में जान गंवाने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि दी है।
अमेरिकी विदेश मंत्री ने किया ट्वीट
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने ट्वीट कर गलवान शहीद हुए भारतीय सैनिकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने कहा, 'हम चीन के साथ हाल में हुए संघर्ष की वजह से हुई मौतों के लिए भारत के लोगों के साथ गहरी संवेदना जताते हैं। ऐसे में जबकि वे शोक मना रहे हैं, हम इन सैनिकों के परिवारों, उनके प्रियजनों और समुदायों को हमेशा याद रखेंगे।'
अमेरिका की चीन से भी हुई बातचीत
भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद यह अमेरिका की तरफ से पहली आधिकारिक प्रतिक्रिया है। अमेरिका की तरफ से यह भी कहा गया है कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के सैनिकों में हिंसक झड़प के बाद वह हालात पर करीब से नजर बनाए हुए है। अमेरिकी विदेश मंत्री की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जबकि उन्होंने कारोबार के मसले पर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के शीर्ष राजनयिक यांग जियाची के साथ होनूलुलू के वायुसेना अड्डे में एक बैठक की है।
'फिलहाल मध्यस्थता की योजना नहीं'
बहरहाल, चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले दिनों मध्यस्थता की पेशकश भी की थी, जिसे चीन ने सिरे से खारिज कर दिया था, जबकि भारत ने कहा था कि इस मसले पर उसकी चीन से बातचीत हो रही है। अब व्हाइट हाउस ने साफ किया है कि ट्रंप की योजना फिलहाल भारत-चीन के बीच मध्यस्थता की नहीं है, लेकिन वह हालात पर करीबी नजर बनाए हुए हैं।