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श्रीलंका में बुर्का बैन के प्रस्ताव से पाक को लगी 'मिर्ची', पिछले महीने इमरान गए थे कोलंबो

Updated Mar 17, 2021 | 10:02 IST

Pakistan : श्रीलंका के जन सुरक्षा मंत्री का मानना है कि बुर्का धार्मिक चरमपंथ का एक प्रतीक है। हाल के वर्षों में देश में इसके पहनावे में तेजी देखी गई है। इसलिए इस पर प्रतिबंध लगना चाहिए।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
श्रीलंका में बुर्का बैन के प्रस्ताव से पाक को लगी 'मिर्ची'।
मुख्य बातें
  • देश में राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए श्रीलंका ने अपने यहां बुर्के पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव किया है
  • जन सुरक्षा मंत्री ने एक प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं, श्रीलंका सरकार अभी इस पर फैसला लेगी
  • पाकिस्तान का कहना है कि इससे श्रीलंका में रहने वाले मुस्लिमों की भावनाएं आहत होंगी

नई दिल्ली : श्रीलंका ने आतंकवाद एवं अलगाववाद के खिलाफ अपनी सुरक्षा मजबूत करने के लिए अपने यहां बुर्के और मदरसों पर प्रतिबंध लगाने की बात कही है लेकिन यह बात पाकिस्तान को अच्छी नहीं लगी है। पाकिस्तान का कहना है कि श्रीलंका सरकार के इस कदम से दुनिया समेत वहां रहने वाले मुस्लिमों की भावनाओं को 'चोट पहुंचाएगी'। श्रीलंका के जनसुरक्षा मंत्री सनथ वीरसेकरा ने देश में बुर्के एवं इस्लामी मदरसों पर प्रतिबंध लगाने की बात कही है। इसके लिए कैबिनेट में प्रस्ताव भी लाया जा रहा है। 

जन सुरक्षा मंत्री ने प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए
कोलंबो टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक सनथ ने शनिवार को कहा कि देश में बुर्का पहनने पर रोक लगाने के लिए उन्होंने एक दिशा-निर्देशों पर हस्ताक्षर किए हैं। मंत्री का कहना है कि बुर्का पहनने से देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा बना हुआ है। दरअसल, गत फरवरी में इमरान खान अपनी दो दिनों की यात्रा पर श्रीलंका गए थे। इस यात्रा के दौरान श्रीलंका में उन्हें तोपों की सलामी दी गई और उनका भव्य स्वागत किया गया। इमरान ने दोनों देशों के बीच मित्रता की खूब प्रशंसा भी की लेकिन अब बुर्के के प्रतिबंध लगाने की बात इस्लामाबाद को बुरी लगी है। 

इससे मुस्लिमों की भावनाएं आहत होंगी-पाक
बुर्का और चेहरा ढकने वाले अन्य कपड़े पर प्रतिबंध लगाने के श्रीलंका के प्रस्ताव पर एक समाचार रिपोर्ट को ट्विटर पर पोस्ट करते हुए, पाकिस्तान मिशन के प्रमुख साद खट्टक ने कहा, 'नकाब पर प्रतिबंध की योजना सामान्य श्रीलंकाई मुसलमानों और दुनियाभर के मुसलमानों की भावनाओं को चोट पहुंचाने के रूप में काम करेगी।' खट्टक श्रीलंका को विभाजनकारी कदम न उठाने के लिए कहा है। 

अभी इस पर बातचीत जारी-श्रीलंका
जन सुरक्षा मंत्री का मानना है कि बुर्का धार्मिक चरमपंथ का एक प्रतीक है और हाल के वर्षों में देश में इसके पहनावे में तेजी देखी गई है। उन्होंने कहा, 'श्रीलंका में एक समय ऐसा था जब मुस्लिम महिलाएं बुर्का नहीं पहनती थीं लेकिन अब इसमें तेजी आई है। इसलिए इस पर निश्चित रूप से प्रतिबंध लगना चाहिए।' हालांकि, श्रीलंका के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान जारी किया। मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि देश में बुर्का और निकाब पहनने पर रोक लगाने का प्रस्ताव किया जा रहा है लेकिन इस बारे में सरकार अभी बातचीत कर रही है। 

2019 में श्रीलंका में हुए थे भीषण विस्फोट
श्रीलंका में साल 2019 में चर्च और होटल पर हुए भीषण विस्फोटों के बाद बुर्का पहनने पर अस्थाई रोक लगाई गई थी। इन हमलों में 250 से ज्यादा लोगों की जान गई थी। हालांकि बाद में इस पर से रोक हटा लिया गया। कोलंबो यदि अपने इस प्रस्ताव पर आगे बढ़ जाता है तो बुर्के पर बैन लगाने वाला एशिया का वह पहला देश होगा। इसके पहले स्विटजरलैंड में सार्वजनिक जगहों पर चेहरा ढंकने वाले वस्त्रों सहित बुर्के पहनने पर रोक लगाने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया गया। फ्रांस में बुर्के पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा हुआ है। 

श्रीलंका में मुस्लिमों की आबादी 9 प्रतिशत
बौद्ध बहुल देश श्रीलंका की आबादी करीब दो करोड़ 20 लाख है, जिनमें से मुस्लिमों की आबादी करीब नौ प्रतिशत, जातीय तमिलों की 12 फीसदी और बौद्ध अनुयायियों की 70 प्रतिशत से अधिक आबादी है। ईसाइयों की आबादी लगभग सात प्रतिशत है। तमिलों में से ज्यादातर हिंदू हैं।