- मत पत्रो पर ट्रंप के ट्वीट्स के बाद सोशल मीडिया पर शुरु हुआ हंगामा
- अमेरिकी राष्ट्रपति ने दी सोशल मीडिया बंद करने और ट्विटर को सजा देने की धमकी
- ट्विटर के सीईओ भी नहीं हटे पीछे- आगे आकर दिया जवाब
नई दिल्ली: माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मेल-इन मतपत्रों के बारे में ट्वीट करने के बाद जैसे सोशल मीडिया पर तूफान आ गया है। एक तरफ ट्रंप भड़ककर एक से बढ़कर एक बयान दे रहे हैं वहीं ट्विटर की सीईओ भी नहले पर दहला मारने से नहीं चूक रहे हैं। दिग्गज सोशल कंपनी ने ट्रंप के ट्वीट्स पर चेतावनी जोड़ते हुए दावा किया था कि अमेरिकी राष्ट्रपति भ्रम फैलाने का काम कर रहे हैं।
सोशल मीडिया के खिलाफ आदेश दे सकते हैं ट्रंप:
ऐसी खबरें हैं कि ट्रंप जल्द ही एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करेंगे जो अमेरिकी एजेंसियों को ट्विटर सहित सोशल मीडिया कंपनियों की जांच करने की अनुमति देगा। आदेश में यह भी कहा जा सकता है कि सोशल मीडिया कंपनियां मीडिया की श्रेणी में नहीं आती हैं और इसलिए वे सामग्री पर संपादकीय निर्णय नहीं ले सकती हैं। एक तरह से, ट्विटर द्वारा किसी ट्वीट में किसी तथ्य की जांच करना एक संपादकीय निर्णय है, जो उसने ट्रंप के ट्वीट के मामले में किया।
ट्वीट पर साधा निशाना:
ट्विटर पर कटाक्ष करते हुए, ट्रंप ने लिखा, 'रिपब्लिकन महसूस करते हैं कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पूरी तरह से रूढ़िवादी आवाज़ों को चुप करते हैं। इससे पहले कि हम ऐसा हो, हम उन्हें दृढ़ता से नियंत्रित या बंद कर देंगे। हमने देखा कि 2016 चुनाव में उन्होंने क्या करने का प्रयास किया, और असफल रहे। हम फिर से वैसा नहीं होने दे सकते।'
कैसे शुरु हुआ मामला: दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति ने अमेरिकी चुनाव में मतपत्रों के इस्तेमाल से धांधली की संभावना की बात कही थी। ट्विटर ने अमेरिकी मीडिया के हवाले से इस बात को गलत बताते हुए ट्रंप को चेतावनी दे दी। इसके बाद नाराज ट्रंप ने ट्विटर पर भी चुटकी ली और लिखा, 'ट्विटर ने अब दिखा दिया है कि हम उनके बारे में जो कुछ भी कह रहे हैं, वह सही हैं। पालन करने के लिए बड़ी कार्रवाई!'
'ट्विटर नहीं मुझे सजा दो':
ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी ने ट्रंप के ट्वीट का जवाब दिया और कहा कि वह कंपनी के कामों के लिए जवाबदेह है और कर्मचारियों को इससे बाहर रखने का भी अनुरोध किया है। उन्होंने यह भी कहा कि ट्विटर जारी रहेगा और विश्व स्तर पर चुनावों के बारे में गलत या विवादित जानकारी पर सवाल उठाएगा।'
डोरसी ने ट्वीट किया, 'हमारा उद्देश्य परस्पर विरोधी बयानों के बिंदुओं को जोड़ना और विवाद में जानकारी दिखाना है ताकि लोग अपने लिए न्याय कर सकें। हमारे लिए पारदर्शिता अधिक महत्वपूर्ण है, इसलिए लोग हमारे कार्यों के पीछे स्पष्ट रूप से देख सकते हैं।'
फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने भी दी प्रतिक्रिया: फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने भी ट्रंप-ट्विटर विवाद पर प्रतिक्रिया व्यक्त की। फॉक्स न्यूज के साथ एक साक्षात्कार में, उन्होंने कहा कि फेसबुक की नीतियां इस मामले में ट्विटर से अलग हैं। उन्होंने कहा, 'मैं बस इस बात पर दृढ़ता से विश्वास करता हूं कि फेसबुक को हर उस चीज़ के सत्य का मध्यस्थ नहीं होना चाहिए जो लोग ऑनलाइन कहते हैं। सामान्य तौर पर, निजी कंपनियों को विशेष रूप से इन प्लेटफ़ॉर्म कंपनियों को ऐसा करने की स्थिति में नहीं होना चाहिए।'