- अमेरिका ने अब H-1B वीजा के कुछ नियमों में रियायत देने का ऐलान किया है
- यह छूट उन्हें मिल रही है जो उन्हीं नौकरियों में वापस आ रहे हैं जिसमें वीजा प्रतिबंध की घोषणा से पहले थे
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीजा धारकों को बड़ा झटका दिया था
कोरोना संकट की वजह से दुनिया के कई देशों की अर्थव्यवस्था से लेकर सामाजिक ताना-बाना छिन्न भिन्न हो गया था, अमेरिका में भी कोविड के चलते कई नौकरियों पर संकट आ गया था, वहीं अमेरिका (US) ने अब H-1B वीजा के कुछ नियमों में रियायत देने का ऐलान किया है, इस डिसीजन से इन वीजा धारकों को अमेरिका में प्रवेश करने की परमीशन मिल सकेगी लेकिन इसमें भी कुछ शर्तें और क्लॉज हैं।
बताया जा रहा है कि यह छूट उन्हें मिल रही है जो उन्हीं नौकरियों में वापस आ रहे हैं जिसमें वीजा प्रतिबंध की घोषणा से पहले थे,अमेरिकी विदेश मंत्रालय के सलाहकार ने कहा कि आश्रितों (जीवनसाथी और बच्चों) को भी प्राथमिक वीजा धारकों के साथ यात्रा करने की अनुमति दी जाएगी, उन्होंने कहा कि एक ही नियोक्ता (Employer) और अपने पुराने ही रोजगार (Job) को फिर से शुरु करने वालों को आने की इजाजत दी जाती है।
अमेरिका में भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स की संख्या काफी ज्यादा है, अमेरिकी सरकार के इस फैसले से भारतीय काफी हद तक प्रभावित होंगे।
हाल ही में अमेरिका ने H-1B वीजा धारकों को बड़ा झटका दिया था
गौरतलब है कि हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीजा धारकों को बड़ा झटका दिया था, ट्रंप ने H-1B वीजा को लेकर एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए थे, जिसमें अमेरिकी नागरिकों की विदेशी प्रोफेशनल्स को रखने पर रोक लगा दी गई थी। अमेरिका के श्रम मंत्री ने इस फैसले को लेकर कहा था कि एच-1बी वीजा के नाम पर धोखाधड़ी रोकने और अमेरिकियों के हितों की रक्षा करने के लिए यह कदम उठाया गया है
अमेरिका ने उन वीज़ा धारकों को भी यात्रा की अनुमति दी है जो कोविड-19 महामारी के प्रभावों को कम करने के लिए काम कर रहे हैं खास तौर से लोगों के स्वास्थ्य और हेल्थकेयर प्रोफेशनल के तौर पर काम कर रहे हैं उनके लिए राहत रहेगी। अमेरिकी कंपनियों की डिमांड की वजह से भारतीय आईटी प्रोफेशनल को H1-B वीजा सबसे अधिक मिलता है यानि यहां के पेशेवरों को इसका ज्यादा फायदा मिलता है।