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आतंकवाद पर अमेरिकी सांसद ने किया भारत का समर्थन, चीन-पाकिस्‍तान से बताया बड़ा खतरा

Updated Nov 22, 2019 | 08:59 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

अमेरिकी कांग्रेस के सदस्‍य ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के संघर्ष का समर्थन करते हुए कहा कि यह कई तरह के क्षेत्रीय, भौगोलिक खतरों का सामना कर रहा है। उन्‍होंने इस क्रम में पाकिस्‍तान व चीन का नाम भी लिया।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
अमेरिकी कांग्रेस के सदस्‍य फ्रांसिस रूनी ने भारत का समर्थन किया है
मुख्य बातें
  • अमेरिकी कांग्रेस के सदस्‍य फ्रांसिस रूनी ने आतंकवाद के खिलाफ जंग में भारत का समर्थन किया है
  • फ्रांसिस रूनी ने कहा कि भारत, अमेरिका का महत्‍वपूर्ण सहयोगी व व्‍यापारिक साझीदार है
  • उन्‍होंने कुछ दिनों पहले ही अमेरिका में भारत के राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला से मुलाकात की थी

वाशिंगटन : आतंकवाद के खिलाफ भारत की मुहिम रंग ला रही है और उसे अंतरराष्‍ट्रीय समर्थन भी हासिल हो रहा है। भारत कई क्षेत्रीय व अंतरराष्‍ट्रीय मंचों पर आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक जंग की बात उठा चुका है, जिसे सदस्य देशों का समर्थन मिला। इसी क्रम में अब एक अमेरिकी सांसद ने भी आतंकवाद के खिलाफ भारत के संघर्ष को अपना समर्थन देते हुए कहा है कि भारत कई तरह के क्षेत्रीय व भौगोलिक खतरों से जूझ रहा है और अमेरिका को उसका समर्थन करना चाहिए।

अमेरिकी कांग्रेस के सदस्‍य फ्रांसिस रूनी ने प्रतिनिधिसभा में एक सुनवाई के दौरान कहा, 'भारत कई तरह के क्षेत्रीय व भौगोलिक खतरों का सामना कर रहा है। इस्‍लामिक चरमपंथी इसके लिए लगातार खतरा बने हुए हैं और जम्‍मू-कश्‍मीर तथा देश के अन्‍य हिस्‍सों में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं। हमें आतंकवाद के खिलाफ भारत की जंग को समर्थन देना चाहिए।' उन्‍होंने यह भी कहा कि भारत, अमेरिका का महत्‍वपूर्ण सहयोगी और व्‍यापारिक साझीदार है।

फ्रांसिस रूनी ने कुछ दिनों पहले ही अमेरिका में भारत के राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला से मुलाकात की थी। अपने संबोधन के दौरान रूनी ने चीन और पाकिस्‍तान का भी जिक्र किया और कहा कि इन पड़ोसी मुल्‍कों से भारत को हमेशा सतर्क रहने की जरूरत है। उन्‍होंने कहा कि चीन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपना दबदबा कायम करने की नीति के तहत पड़ोसी देशों को कर्ज के जाल में फंसा रहा है। उन्होंने इस क्रम में श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह का भी जिक्र किया, जहां चीन ने बड़ा निवेश किया है और जिसे लेकर भारत हमेशा सतर्क रहा है।

अमेरिकी सांसद ने यह भी कहा कि भारत को पश्चिम में अपने पड़ोसी मुल्‍क पाकिस्‍तान से होने वाले खतरे को देखते हुए भी चौकन्‍ना रहना पड़ता है, जिसका रवैया हमेशा भारत के खिलाफ 'शत्रुतापूर्ण' रहा है। उन्‍होंने पाकिस्‍तान के 'परमाणु हथियार संपन्‍न' होने का हवाला भी दिया और कहा कि यहां प्रशासनिक स्थिरता नाम की चीज नहीं है। फ्रांसिस रूनी ने अमेरिका से भारत के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने, विदेशी प्रत्‍यक्ष निवेश बढ़ाने और फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की दिशा में काम करने के लिए कहा।