- अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन का बड़ा बयान, तालिबान मुद्दे पर जी-7 की बैठक अगले हफ्ते
- एयरलिफ्ट के इतिहास में काबुल से एयरलिफ्ट सबसे बड़ी चुनौती
- गारंटी नहीं लेकिन हर एक अमेरिकी को काबुल से निकालने की कोशिश
अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा है, ये बात अलग है कि पंजशीर घाटी में उसके खिलाफ लड़ाई लड़ी जा रही है। इन सबके बीच अमेरिका की आलोचना हो रही है उसने अफगानिस्तान को दरिंदों के हाथों में दे दिया। इसके साथ ही काबुल में फंसे अमेरिकियों को निकालने का दबाव भी बढ़ गया है, ऐसे में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन का कहना है कि आलोचना करने के लिए पर्याप्त अवसर मिलेगा,आखिर में लोगों को निकालने के संदर्भ में जो चर्चाएं हो रही हैं उस विषय पर भी चर्चा होती रहेगी लेकिन अभी उनका ध्यान अमेरिकियों को स्वदेश लाने पर केंद्रित है।
तालिबान मुद्दे पर जी-7 की बैठक अगले हफ्ते
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जी-7 की बैठक अगले सप्ताह होगी। बिडेन ने कहा कि काबुल में जो हालात बने हुए है उसे देखते हुए वो किसी तरह की गारंटी नहीं दे सकते हैं। लेकिन कोई भी अमेरिकन जो स्वदेश वापस आना चाहते हैं उसे ले आएंगे। 14 अगस्त ने अब तक कुल 13000 लोगों को एयरलिफ्ट किया गया है। काबुल से लोगों को एयरलिफ्ट करना इतिहास में अब तक का सबसे जटिल एयरलिफ्ट है, अमेरिकी सरकार तालिबान के संपर्क में है ताकि सुरक्षित एयरलिफ्ट को संपन्न कराया जा सके।
अमेरिकियों की सकुशल वापसी होगी
बिडेन ने कहा कि संकट की इस घड़ी में सिर्फ एक ही देश है जिसके पास लोगों को सुरक्षित निकालने की क्षमता है वो अमेरिका है,वो उन लोगों को खासतौर पर उन अफगान लोगों को जो अमेरिका के मददगार थे सुरक्षित निकाला जाएगा। उन्होंने कहा कि अमेरिकी सरकार की तरफ से 6 हजार सैनिकों को भेजा गया है। वो आम अमेरिकियों को भरोसा दिलाना चाहते हैं कि सकुशल हर एक की वापसी होगीष मुश्किल की इस घड़ी में धैर्य बनाए रखने की जरूरत है।