- यूक्रेन की राजधानी कीव स्थिति मेडिकल यूनिवर्सिटी के 200 से 300 भारतीय छात्र-छात्राएं हॉस्टल के बेसमेंट में फंसे हैं
- स्टूडेंट्स ने भारत सरकार से की है मदद की अपील, दूतावास से अबतक नहीं मिली है कोई मदद
- कहा पीने को नहीं पानी, बिस्किट-चिप्स खाकर कर रहे हैं गुजारा
कीव: रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ा युद्ध पूरी दुनिया के लिए परेशानी का सबब बन गया है। सबसे ज्यादा परेशानी वहां फंसे विदेशी छात्र-छात्राओं को हो रही है जिसमें बड़ी संख्या भारतीयों की है। मेडिकल की पढ़ाई के लिए यूक्रेन भारतीयों की पसंदीदा जगह रहा है, लेकिन युद्ध की वजह से यूक्रेन की राजधानी कीव की मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले सैकड़ों भारतीय छात्र-छात्राओं की जान पर मुसीबत आ पड़ी है।
बेसमेंट में फंसे हैं 200 से ज्यादा भारतीय स्टूडेंट्स
कीव मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली अवंतिका उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग की रहने वाली हैं वो कीव यूनिवर्सिटी के हॉस्टल के बेसमेंट में 300 छात्र-छात्राओं के साथ फंसी हैं। उन्होंने और उनके सहपाठियों ने वीडियो जारी करके भारत सरकार से मदद मांगी है। हॉस्टल में फंसी अवंतिका और उनके साथियों ने वीडियो जारी करके कहा, हम कीव मेडिकल यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट हैं। हम कीव में होर्लिविस्का स्ट्रीट 124 स्थित हॉस्टल के बेसमेंट में फंसे हैं। यह पहले एक जिम था लेकिन हमारे लिए एक सेफ हाउस की तरह काम कर रहा है। यहां पर 200 से 300 स्टूडेंट एक साथ बैठे हुए हैं।'
चिप्स-बिस्किट खाकर कर रहे हैं गुजारा
स्टूडेंट्स ने आगे कहा, हमें खाना भी नहीं मिल पा रहा है, हम सिर्फ बैठे हुए हैं सो भी नहीं पा रहे हैं। हमारे पास खाने के लिए केवल, ब्रेड, चिप्स और बिस्किट्स हैं। हम बाहर भी नहीं जा सकते हैं, कल बाहर एक धमाका हुआ था। सबसे बुरी बात यह है कि हम यहां पर पानी की सप्लाई पूरी तरह बंद हो गई है। हमारे पास जो थोड़ा बहुत सामान है वही है। हमें नहीं लगता है कि हम ज्यादा दिन तक बिस्किट और चिप्स के साथ सर्वाइव कर पाएंगे।'
भारत सरकार से की मदद की गुहार
छात्रों ने भारत सरकार से अपील करते हुए कहा, प्लीज हमें यहां से निकाल दीजिए। हमें रेस्क्यू कीजिए क्योंकि हम यहां पर ज्यादा दिन सर्वाइव नहीं कर पाएंगे। क्योंकि यहां की परिस्थितियां ठीक नहीं हैं।'
भारतीय दूतावास से अबतक नहीं मिली है मदद
जम्मू कश्मीर के एक छात्र आशुतोष शर्मा ने टाइम्स नाउ नवभारत को भेजे वीडियो मैसेज में कहा, मैं अभी अपने कॉलेज के हॉस्टल के बेसमेंट में हूं। यहां की स्थिति काफी खराब हो चुकी है। हमें यहां पर दो दिन हो गए हैं भारतीय दूतावास की तरफ से हमें अबतक कोई मदद नहीं मिल सकी है। कीव में अन्य जगहों की तुलना में ज्यादा खतरा है। दूतावास ने हमें यहां से निकालने के लिए कोई वाहन नहीं भेजा है।'
गाजियाबाद की रहने वाली दीपशिखा झा ने अपने वीडियो मैसेज में कहा, हम यहां फंसे हुए हैं हमें खाने-पीने के दिक्कत हो रही है। यहां पर रेड अलर्ट हो गया है। ऐसे में हम मुश्किल में हैं हमें प्लीज यहां से निकालिए, हमारी मदद कीजिए।