- ईरान के इतिहास में पहली बार क़ोम मस्जिद पर फहराया गया लाल झंडा
- सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत के बाद जुलूस में शामिल हुए हजारों लोग
- शिया परंपरा में 'अन्यायपूर्ण ढंग से बहाए खून' और 'कठोर बदले' का प्रतीक है लाल झंडा
नई दिल्ली: ईरानी अधिकारियों पर अमेरिका के हवाई हमले के बाद एक अभूतपूर्व घटना सामने आई है जहां ईरान ने क़ोम शहर में एक प्रतिष्ठित शिया मस्जिद के ऊपर एक लाल झंडा फहराया है। इस लाल झंडे को एक बड़े युद्ध का इशारा माना जा रहा है, जिसके अनुसार लाल झंडा ईरान का प्रतीकात्मक इशारा है कि अमेरिकी हवाई हमले में सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत के बाद देश युद्ध के लिए तैयार है।
यह क़ोम मस्जिद के इतिहास में पहली बार है कि इमारत के ऊपर लाल झंडा फहराया गया है। शिया परंपरा में लाल झंडा 'अन्यायपूर्ण तरीके से फैलाए गए खून' का प्रतीक है और शिकार हुए व्यक्ति का बदला लेने की ओर भी इशारा करता है। कई रिपोर्ट्स के अनुसार, राजधानी तेहरान सहित कई अन्य शहरों में भी लाल झंडा फहराया गया है।
ईरानी नेतृत्व ने सुलेमानी की हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ 'कठोर बदले' की बात कही है और शिया परंपरा के अनुसार लाल झंडा फहराने के बाद यह माना जा रहा है कि ईरान अमेरिका के खिलाफ जवाबी कार्रवाई के कदम उठा सकता है।
अमेरिकी हमले में मारे गए ईरान के शीर्ष जनरल सुलेमानी के अंतिम संस्कार के जुलूस में हजारों लोग इकट्ठा हुए। इराक की राजधानी बगदाद में इरानी जनरल के काफिले पर दो रॉकेट दागे गए और इसमें कासिम सुलेमानी सहित कई अहम सैन्य अधिकारियों की मौत हो गई। सुलेमानी की मौत के बाद इराकी राजधानी में शुरू हुआ जुलूस नजफ शहर तक पहुंच गया।
इससे पहले कि सुलेमानी का शरीर उनके गृहनगर करमन में जमीन के सुपुर्द किया जाए, ईरान में उनके लिए रविवार और सोमवार को अंतिम संस्कार सभाएं आयोजित की जाएंगी। ईरान ने अमेरिकी हवाई हमले के लिए कठोर जवाब की कसम खाई है। इस हमले ने क्षेत्रीय तनाव को बढ़ा दिया है, जिससे एक युद्ध की आशंका बढ़ गई है।