- आतंकवाद के मुद्दे पर अफगानिस्तान के हालात और बिना नाम लिए पाकिस्तान को संदेश
- समंदर का जिक्र कर पीएम मोदी मे चीन को भी दिया संदेश
- यूएनएससी की घटती साख और प्रासंगिकता का भी जिक्र
संयुक्त राष्ट्र महासभा के Seventy Sixth सेशन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान, चीन का नाम लिए बिना उन पर करारा प्रहार किया।आतंकवाद को पॉलिटिकल टूल की तरह इस्तेमाल करने वाले देशों से कहा कि।वो अब सावधान हो जाएं।क्योंकि वो देश भी आतंक की चपेट में आ सकते हैं।ये संदेश सीधे तौर पर पाकिस्तान के लिए था।
पाकिस्तान और अफगानिस्तान को संदेश
प्रधानमंत्री ने UN के मंच से तालिबान का नाम एक बार भी नहीं लिया।लेकिन अफगानिस्तान के लोगों के मानवाधिकार की बात करके।सीधा-सीधा तालिबान पर सवाल किया।वो तालिबान जिसकी तारीफ इसी UN महासभा में एक दिन पहले इमरान खान कर चुके थे।आपको सुनाते हैं किस तरह प्रधानमंत्री मोदी ने बिना नाम लिए पाकिस्तान और तालिबान पर निशाना साधा। आतंकवाद पॉलिटिक्ल टूल की तरह इस्तेमाल हो रहा है।कुछ देश आतंक को पॉलिटिकल टूल बना रहे।
आतंक का इस्तेमाल करने वालों को भी आतंक से खतरा ।अफगानी जमीन का इस्तेमाल आतंक के लिए ना हो ।दुनिया में चरमपंथ का खतरा बढ़ रहा है।अफगानिस्तान के हालात पर दुनिया की आंखें बंद ।अफगानी जमीन का इस्तेमाल आतंक के लिए ना हो ।स्वार्थ के लिए अफगानिस्तान का इस्तेमाल ना हो ।अफगानी बच्चों, महिलाओं को मदद की जरूरत ।हम सबको अपना दायित्व निभाना होगा।
चीन को संदेश
समुद्री सीमा और समुद्री Resources के इस्तेमाल को लेकर।पीएम मोदी ने कहा कि।हमें तय करना होगा कि।उसका Use हो Abuse नहीं।ये संदेश सीधे तौर पर चीन को था। पीएम मोदी ने कहा कि महासागरों को खुला ही होना चाहिए। जमीन और संसाधन की लालच में किसी तरह का अतिक्रमण करना उचित नहीं है। कोई भी ऐसा कदम जो वैश्विक शांति के लिए खतरा बन जाए उसे कहां से सही माना या ठहराया जा सकता है।