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श्रीलंका में युद्ध जैसे हालात, प्रदर्शनकारियों पर काबू के लिए उतार दिए टैंक, बख्तरबंद गाड़ियां  

Updated Jul 14, 2022 | 15:08 IST

Sri Lanka Crisis: सुरक्षाकर्मियों के हाथों में एके-47 है। प्रदर्शनकारियों की मंशा संसद भवन को अपने कब्जे में लेने की है। जाहिर है कि कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे प्रदर्शनकारियों को और उत्पात करने से रोकना चाहते हैं। हिंसक प्रदर्शनों से कहीं न कहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर श्रीलंका की छवि खराब हो रही है।

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मुख्य बातें
  • कोलंबो में हिंसक होते प्रदर्शन को देखते हुए सड़कों पर टैंक्स उतार दिए गए हैं
  • सड़कों पर बड़ी संख्या में बख्तरबंद गाड़ियां और सैनिकों के हाथों AK-47 नजर आए हैं
  • संसद भवन को अपने कब्जे में लेना चाहते हैं प्रदर्शनकारी, सेना के साथ हुई उनकी झड़प

Sri Lanka : दिवालिया हो चुके श्रीलंका की हालत बद से बदतर होती जा रही है। राजनीतिक नेतृत्व की शून्यता का सामना कर रहे इस देश में अराजकता का माहौल है। महंगाई और सरकार से हताश एवं निराश लोग गत शनिवार से सड़कों पर आ गए हैं। राजधानी कोलंबो सहित अन्य जगहों पर प्रदर्शनकारी और सेना आमने-सामने हैं। दोनों के बीच हिंसक झड़पे हुई हैं। हिंसक एवं उग्र हुए प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए कोलंबो की सड़कों पर सेना उतार दी गई है। टैंक और बख्तरबंद गाड़ियों का काफिल राजधानी की सड़कों पर तैनात हैं।

सुरक्षाकर्मियों के हाथों में एके-47
सुरक्षाकर्मियों के हाथों में एके-47 है। प्रदर्शनकारियों की मंशा संसद भवन को अपने कब्जे में लेने की है। जाहिर है कि कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे प्रदर्शनकारियों को और उत्पात करने से रोकना चाहते हैं। हिंसक प्रदर्शनों से कहीं न कहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर श्रीलंका की छवि खराब हो रही है। गुरुवार को पार्लियामेंट स्ट्रीट पर बड़ी संख्या में सैन्य कर्मी फ्लैग मार्च करते देखे गए। हिंद महासागर स्थित इस द्वीपीय देश का राजनीतिक भविष्य अभी अधर में लटका हुआ है। राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को बुधवार को अपने पद से इस्तीफा देना था लेकिन बिना इस्तीफा दिए मालदीव से सिंगापुर के लिए रवाना हो गए। इस्तीफा न देने की वजह से लोगों का गुस्सा और भड़क गया है।