किशोर कुमार जिन्हें प्यार से किशोर दा कहा जाता है, भारतीय सिनेमा के मील के पत्थर हैं। वह बाकमाल गायक, अद्भुत अभिनेता और रोचक इंसान थे। किशोर दा ने हिंदी फिल्मों के लिए सबसे अधिक सदाबहार नगमे गाये और सर्वाधिक आठ बार सर्वश्रेष्ठ गायक का फिल्मफेयर पुरस्कार भी जीता। उनके अमर हो चुके हिंदी गाने श्रोताओं द्वारा खूब सुने जाते हैं लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि उन्होंने भोजपुरी फिल्मों के भी कई हिट गीत गाये हैं। हालांकि उन्होंने बंगाली, मराठी, मलयालम आदि भाषाओं में भी गीत गाए हैं।
किशोर दा ने अपना अंदाज भोजपुरी में भी नहीं बदला
किशोर दा ने जब भोजपुरी सिनेमा के लिए गाने गाये थे तब भोजपुरी फिल्मों का स्वर्णकाल था। उस समय अभिनेता से लेकर क्रू तक हिंदी अथवा दूसरी विकसित इंडस्ट्री के ही होते थे और उन्होंने भोजपुरी के लिए बेहतरीन काम किया बनिस्बत आज के आधुनिक भोजपुरी सिनेमा के, जिसमें ज्यादातर लोग भोजपुरी क्षेत्रों से उठकर गए हैं। किशोर दा का सबसे मशहूर भोजपुरी गाना 'जाने कईसन जादू कईलू' है जो धरती मैया फिल्म में फिल्माया गया था। इस फिल्म में कुणाल सिंह और गौरी खुराना मुख्य भूमिका में थे और फिल्म 1981 में रिलीज हुई थी। गाने को लिखा लक्ष्मण शाहाबादी ने और संगीत चित्रगुप्त ने दिया था। यह संगीतकार और गीतकार की जोड़ी भोजपुरी में तब बहुत गाने बना रही थी।
किशोर दा ने भोजपुरी में जितने गाने गाये हैं उसमें से ज्यादातर उनकी खिलखिलाती आवाज और अक्खड़पन वाले अंदाज से सजे हैं। उन्होंने भगवान शंकर पर भोजपुरी में भी एक गाना गाया है जिसे उनके हिंदी क्लासिक हिट गाने 'जय जय शिवशंकर, कांटा लगे न कंकड़' के भोजपुरी विकल्प के रूप में देखा जा सकता है। शत्रुघ्न सिन्हा की जवानी के दिनों की भोजपुरी फिल्म 'बिहारी बाबू' में यह गाना था जिसके बोल थे 'अगड बम बमक बमक बम बोल बबुआ'। किशोर दा ऐसे कठिन शब्दों वाले गीत गाने के लिए मशहूर थे। यह फिल्म 1985 में रिलीज हुई थी।
किशोर दा और अशोक कुमार का बिहार कनेक्शन
किशोर दा और उनके बड़े भाई एवं हिंदी फिल्मों के सुपरस्टार अशोक कुमार उर्फ दादामुनि खंडवा मध्य प्रदेश में पैदा हुए थे। उनके मामा का घर भागलपुर बिहार में पड़ता था। किशोर दा के मामा शानू मुखर्जी राज घराने से जुड़े थे और वह पूरे परिवार के साथ भागलपुर के एक मोहल्ले में राजबाटी नामक हवेली में रहते थे। यहीं गर्मियों की छुट्टियों में छोटे किशोर दा और युवा दादामुनि अपनी मां के साथ आते थे। किशोर दा बागीचे में जाकर खूब आम खाते थे।
अशोक कुमार का ससुराल भी भागलपुर में ही था। उनकी पत्नी शोभा बनर्जी से भी वो यहीं मिले थे और फिर बाद में मेल-मुलाकात के बाद दोनों को प्रेम हुआ और दोनों ने धूमधाम से शादी कर ली। किशोर दा का एक और भोजपुरी गाना 'जईसे बदरा में बिजुरिया' भी काफी हिट हुआ। यह ‘गंगा के तीरे-तीरे’ फिल्म (1986) में फिल्मांकित किया गया था।
(लेखक मनोज भावुक भोजपुरी फिल्मों के जानकार हैं।)