Exclusive Interview With Nirahua:: दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ यूपी के आजमगढ़ में उपचुनाव जीतने के बाद सुर्खियों में है। उन्होंने टाइम्स नाउ नवभारत के साथ बेबाक अंदाज में बात की जिसके लिए वो जाने जाते हैं। उन्होंने टाइम्स नाउ नवभारत की एंकर और न्यूज एडिटर मीनाक्षी कंडवाल से बातचीत में कहा कि पिछली बार चुनाव हारने के बाद भी मैं जनता के साथ लगा रहा। अब जनता ने मुझे जिताया है तो मुझे उनकी उम्मीदों पर खरा उतरना है। दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ ने खास बातचीत में कहा कि आजमगढ़ की जीत मेरी जीत नहीं बल्कि योगी मॉडल की जीत है। साथ ही उन्होंने कहा कि सपा का मुझे लेकर दिया गया बयान भी जीत की एक वजह बनी।
आजमगढ़ में भाजपा प्रत्याशी दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' ने उपचुनाव जीतकर कई लोगों का दिल जीत लिया और आम चुनाव में मिली हार का बदला पूरा किया।भोजपुरी स्टार से लेकर बिग बॉस के प्रतियोगी और अब सांसद निरहुआ ने राजनेता बनने तक का लंबा सफर तय किया है। राजनीति में अपने साथी कलाकारों मनोज तिवारी और रवि किशन की सफलता को देखकर निरहुआ ने भी चुनाव लड़ने का फैसला किया और साल 2019 में भाजपा के टिकट पर समाजवादी पार्टी (सपा) के अखिलेश यादव के खिलाफ चुनाव लड़ा था।हालांकि वह सपा अध्यक्ष से हार गए, लेकिन उन्होंने आजमगढ़ से हार नहीं मानी और निर्वाचन क्षेत्र का दौरा जारी रखा। हाल ही में संपन्न हुए उपचुनावों में निरहुआ की जीत ने इस हार का बदला लिया।
आजमगढ़ सीट पर सपा के धर्मेंद्र यादव को हराया
गौर हो कि उत्तर प्रदेश में हुए लोकसभा उपचुनाव में आजमगढ़ सीट पर भोजपुरी गायक और अभिनेता दिनेश लाल यादव निरहुआ ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव को आठ हजार से अधिक मतों से पराजित किया है। समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के साथ त्रिकोणीय मुकाबले में निरहुआ ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा के धर्मेंद्र यादव को 8679 मतों से हराया।निर्वाचन आयोग के अनुसार निरहुआ तो 312768 मत मिले जबकि सपा के यादव को 304089 मत मिले। कड़े मुकाबले में बसपा के शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने भी 266210 मत हासिल किये।
2019 में बीजेपी में शामिल हुए
गाजीपुर जिले के मूल निवासी दिनेश लाल यादव ने 'बिरहा' विधा के गायक के तौर पर अपने सफर की शुरुआत की थी। भोजपुरी फिल्म जगत में धूम मचाने के बाद निरहुआ ने साथ ही साथ राजनीति में भी किस्मत आजमाने का फैसला किया और मार्च 2019 में लोकसभा चुनाव से ऐन पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गये।पार्टी ने भोजपुरी सिनेमा के गढ़ यानी पूर्वांचल में उनकी लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें आजमगढ़ सीट से टिकट दे दिया।हालांकि उस वक्त आजमगढ़ में निरहुआ का मुकाबला सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से था और उन्हें उनके हाथों करारी पराजय मिली लेकिन लगभग तीन साल बाद अखिलेश के विधानसभा के लिये चुने जाने के बाद उनके इस्तीफे से खाली हुई आजमगढ़ सीट के उपचुनाव में निरहुआ ने सपा का किला ढहाते हुए जीत दर्ज की।
2003 में रिलीज हुआ पहला अल्बम
निरहुआ के फिल्मी सफर पर नजर डालें तो उन्होंने एक गायक के तौर पर शुरुआत की थी और वर्ष 2003 में रिलीज हुआ उनका पहला म्यूजिक अलबम 'निरहुआ सटल रहे' सुपरहिट रहा। अभिनेता के रूप में उनकी पहली फिल्म वर्ष 2006 में आयी 'हमका ऐसा वैसा ना समझा' थी।'निरहुआ रिक्शा वाला' (2008) फिल्म की जबर्दस्त सफलता के बाद उनका उपनाम 'निरहुआ' ही पड़ गया। निरहुआ अपने लगभग 19 साल के फिल्मी सफर में एक दर्जन से ज्यादा हिट फिल्में दे चुके हैं।