Bhopal Air Pollution News: भोपाल में वायु गुणवत्ता सूचकांक 200 पहुंच चुका है। यह आंकड़ा 50 होना चाहिए। सर्दियों में तो सूचकांक 400 तक पहुंच जाता है। धूल का स्तर बढ़ रहा है। बीते चौबीस घंटे के भीतर यह स्तर 400 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक पहुंच चुका है। शुष्क वातावरण में हवा की गति 18 से 25 किलोमीटर प्रति घंटे होने के कारण यह स्तर बढ़ रहा है। इन्हें पीएम 10 कण के नाम से भी जाना जाता है, जिनका सामान्य स्तर 100 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक होना चाहिए।
दूसरे हानिकारक कण भी हवा की गुणवत्ता पर विपरीत असर डाल रहे हैं। जिसकी वजह से वायु गुणवत्ता सूचकांक 200 तक पहुंच रहा है जो कि 50 या उससे नीचे होना चाहिए। यह हवा में प्रदूषण के स्तर को बताता है। हवा जितनी अधिक प्रदूषित होगी, हवा के सूचकांक का आंकड़ा भी उतना ही बढ़ता जाएगा।
जानकारी के लिए बता दें कि प्री मानसून गतिविधियां शुरू होने वाली है। उसके पहले हवाओं की गति सामान्य से बढ़ती जा रही है। इस हफ्ते इनकी गति और बढ़ेंगी। हर वर्ष बारिश से पहले यह होता है। जब तक बारिश नहीं होगी, तब तक शुष्क वातावरण में तेज गति से चलने वाली हवाएं धूल को अपने साथ उड़ाती रहेंगी और हवा का सेहत पर विपरीत असर पड़ेगा। इसके अलावा वाहनों, कारखानों का धुंआ, विभिन्न प्रकार की गैसों के अवशेष भी वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार बताए जा रहे हैं।
वायु गुणवत्ता सूचकांक कई तरह के प्रदूषक तत्व, गैसों और कणों के स्तर से मिलकर तैयार किया जाता है, जो कि 50 तक या उससे नीचे होना चाहिए। लेकिन शहर के टीटी नगर स्थित स्टेशन से मिले आंकड़ों के मुताबिक यह सूचकांक 200 तक पहुंच रहा है। ठंड के दिनों में यह 400 के पार पहुंच जाता है, जो वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति को दर्शाता है। अभी गंभीर स्थिति तो नहीं है, लेकिन परिवेशीय वायु सामान्यत: साफ भी नहीं है। ऐसी हवा बुजुर्ग, बीमार व बच्चों को नुकसान पहुंचा सकती है। सामान्य व्यक्ति पर भी इसका असर पड़ सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना से बचाव के लिए प्रयोग होने वाला मास्क इस तरह के वायु प्रदूषण से बचाव कर सकता है।
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