Bhopal News: पचमढ़ी बैठक के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कई बड़ी घोषणाएं की हैं। शहरों में 22 अप्रैल से हर 25,000 की आबादी पर एक मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिक खोला जायेगा, जहां सामान्य बीमारी का इलाज होगा। इससे बड़े अस्पतालों पर मरीजों का बोझ कम होगा। यह क्लिनिक हर निकाय में स्थापित होंगे। साथ ही प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों से जुड़े अस्पतालों को सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के रूप में विकसित किया जाएगा। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की है कि अब कक्षा आठ से ही आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) की पढ़ाई कराई जाएगी। इसके लिए 240 घंटों का एआई पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा।
आपको बता दें कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से अभिप्राय एक ऐसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता से है, जो खुद सोचने, समझने और चीजों को अंजाम देने में सक्षम होते हैं। 21वीं सदी में हम चौथी औद्योगिक क्रांति में प्रवेश कर रहे हैं तो एक अहम सवाल उठा है कि क्या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंसानी बौद्धिकता को पीछे कर सकता है? इस सवाल पर कई बड़े बुद्धिजीवियों का मानना है हां ऐसा हो सकता है। एक वैज्ञानिक का मानना है कि "आने वाले भविष्य में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मानवों को दौड़ में पीछे कर देगा।"
इंसानी दिमाग है तेज
इंसानी दिमाग पैटर्न समझने में काफी तेज होता है। इंसानों की यही काबिलियत उसे बाकी जीवों से अलग बनाती है। इसी पैटर्न समझने की ताकत ने विकसित सभ्यताओं और अविष्कारों को जन्म दिया। पैटर्न समझने की यही शक्ति अब हम मशीनों को देने जा रहे हैं। इससे एक बड़ा खतरा उभर सकता है। इंसानों का मस्तिष्क एक सीमित मात्रा में ही सूचनाओं को एकत्र करता है। उसी सूचनाओं के दम पर वह नए रास्तों को तलाशता है। वहीं आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस इस मामले में इंसानों से कहीं ज्यादा आगे हो सकता है। उसके पास अनंत मात्रा में डेटा को संग्रह करने की क्षमता होगी और जितना ज्यादा उसके अंदर डेटा होगा वह उसे प्रोसेस करके उतना ही बड़ा परिणाम निकालेगा।
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