Bhopal News : राजधानी भोपाल के वाशिदों के लिए एक अच्छी खबर है। पेयजल समस्या के समाधान को लेकर बीएमसी एक योजना का खाका खींचने जा रही है। इसके बाद राजधानी के करीब 35 हजार लोगों को प्रतिदन 50 लाख लीटर पानी मिलेगा। निगम आयुक्त सीएस चौधरी ने बताया कि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के जरिए निकले वेस्ट माने जाने वाले पानी को फिर से ट्रीट किया जाएगा। इसके बाद पांच एमएलडी पानी लोगों की प्यास बुझा सकेगा।उन्होंने बताया कि वाटर ब्रांच के अधिकारियों को इसकी योजना बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि भोपाल में पांच वाटर ट्रीटमेंट प्लांट कार्यरत हैं। इनमें से रोजाना बेकार निकलने वाले 50 लाख लीटर पानी को एक संप में एकत्रित किया जाएगा। इसके बाद वेस्ट वाटर को दोबारा से ट्रीटमेंट प्लांट के जरिए पानी को शुद्ध करके पीने योग्य बनाया जाएगा। इस मामले को लेकर नगर निगम का दावा है कि योजना के शुरू होने के बाद राजधानी के 35 हजार लोगों के हलक तर होंगे।
निगम आयुक्त ने बताया कि पानी की बर्बादी रोकने के लिए भोपाल के मनुआभान टेकरी, विजयनगर सहित श्यामला हिल्स फिल्टर प्लांट में स्काडा सिस्टम लगाया गया है। इस सिस्टम से पानी की स्थिति कंप्यूटराइज्ड व्यवस्था के जरिए देखी जा सकती है। स्काडा तकनीक के कारण एसआर टंकियों में पानी ऑवरफ्लो नहीं होता, जिससे पानी की बर्बादी रुकती है। टंकी भरने के बाद पानी की सप्लाई ऑटोमैटिक बंद हो जाती है। आपको बता दें कि शहर में 128 टंकियों में लेवल सेंसर, 33 वॉटर सप्लाई टैंक में कंट्रोल स्काडा सिस्टम, 12 फिल्टर प्लांट व छह पंप हाउस में पूर्णत: स्वचलित कंट्रोल सिस्टम लगाने का काम किया जा रहा है। आयुक्त के मुताबिक पानी की बर्बादी को रोकने को लेकर लगाए गए स्काडा सिस्टम को और अधिक बेहतर बनाने के लिए कहा गया है। बहरहाल बीएमसी के मनुआभान टेकरी, कोलार, बैरागढ़, ईदगाह हिल्स और केरवा में वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट लगे हैं।
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