Cheetah के लिए क्यों चुना गया MP का Kuno National Park? जानिए

Cheetah in India: आठ चीतों को लेकर भारतीय वायु सेना के दो हेलीकॉप्टर शनिवार (17 सितंबर, 2022) की सुबह मध्य प्रदेश में कुनो राष्ट्रीय उद्यान के निकट पालपुर पहुंच गए।

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तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फोटोः आईस्टॉक) 
मुख्य बातें
  • अफ्रीकी मुल्क नामीबिया से खास प्लेन ग्वालियर एयरबेस पहुंचे
  • साथ आई है वन्य जीव विशेषज्ञों की 24 सदस्यीय टीम
  • श्योपुर के कुनो पार्क में रहेंगे, लकड़ी के पिजंड़ों में लाए गए

Cheetah in India: मध्य प्रदेश के श्योपुर में कुनो पालपुर नेशनल पार्क (Kuno National Park) ने शनिवार (17 अगस्त, 2022) को इतिहास रच दिया। वजह है- नामीबीया से भारत की धरती पर पड़े चीतों के कदम। इस बीच, एक सवाल उठना लाजिमी है कि आखिरकार ये सारे चीता कुनो ही क्यों लाए गए?  

वन्य जीव एक्सपर्ट्स की मानें तो यह किसी जमाने में चीतों का घर हुआ करता था। कुनों की जलवायु चीतों के लिए उपयुक्त है। नैचुरल हैबिटाट के मद्देनजर वहां खुले सपाट घास के मैदान हैं। भोजन की प्रचुरता समेत मौसम की अनुकुल परिस्थितियां इसकी प्रमुख वजह हैं।

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वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट्स यह भी बताते हैं कि चीते की दौड़ने की रफ्तार करीब 120 किमी प्रतिघंटा है। इसके दौड़ने के लिए खुले सपाट मैदान चाहिए, जिससे यह अपने पसंदीदा शिकार को दबोच सके। यही नहीं, चीतों का पसंदीदा भोजन एंटीलोप समूह है, जिसके प्राणी चीतल, नीलगाय, सांभर सहित सियार, कृष्ण मृग व बंदर आदि भी वहां उपलब्ध हैं। 

कुल मिलाकर 120 किमी के दायरे वाले इस जंगल में चीतों को अपने आवास सहित कुनबा बढ़ाने में कोई परेशानी नहीं होगी। वन्यजीव विशेषज्ञों की मानें तो यहां के जंगल में करीब 70 चीतों के आवास की क्षमता है।

दरअसल, भारत में लगभग 70 साल पहले चीतों को विलुप्त घोषित किया गया था। ऐसे में इन्हें देश में फिर से बसाने के प्रोजेक्ट के तहत इन्हें विशेष मालवाहक विमान से भारत लाया गया। मालवाहक बोइंग विमान में शुक्रवार रात नामीबिया से उड़ान भरी थी। लगभग 10 घंटे की लगातार यात्रा के दौरान चीतों को लकड़ी के बने विशेष पिंजरों में यहां लाया गया। अधिकारी ने कहा कि यात्रा के दौरान चीते बिना भोजन के रहे और उन्हें बाड़े में छोड़े जाने के बाद खाने के लिए कुछ दिया जाएगा।

कुनो राष्ट्रीय उद्यान विंध्याचल पहाड़ियों के उत्तरी किनारे पर स्थित है और 344 वर्ग किलोमीटर इलाके में फैला है। अधिकारियों ने भारी बारिश, खराब मौसम और कुछ सड़कें अवरुद्ध होने के बावजूद कुनो में चीतों को अपने नए बसेरे में छोड़ने के मोदी के कार्यक्रम की तैयारियां पूरी की। प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम से दो दिन पहले मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल इलाके में भारी बारिश हुई है। (एजेंसी इनपुट्स के साथ) 

 

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