Cheetah in Kuno: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन उनके साथ पूरे देश के लिए एतिहासिक रहा। भारत की धरती पर 70 साल बाद फिर से दुनिया के सबसे तेज रफ्तार जीव चीतों की वापसी हो चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कूनो नेशनल पार्क में पिंजरों का लीवर खींचकर नामीबिया से आए आठ चीतों को पार्क में छोड़ा। कूनो में छोड़ गए ये चीते देश के साथ श्योपुर जिला के लिए बहुत बड़ी सौगात लेकर आ रहे हैं। राज्य सरकार के इस पहल से कूनो पार्क से सटे क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी युवाओं के लिए रोजगार का नया रास्ता खुल गया है।
इन युवाओं को अभी रोजगार की तलाश में दिल्ली, भोपाल, मुंबई, जयपुर जैसे बड़े शहरों की तरफ रूख करना पड़ता था, लेकिन अब युवाओं को अपने गांव में ही टूरिस्ट गाइड से लेकर कई तरह के रोजगार मिलेंगे। जिसकी वजह से क्षेत्र में रहने वाले युवाओं में चीतों को लेकर खासा उत्साह है। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र टिकटोली, सेसईपुरा, मुरावन, पठारी, अहेड़ी और अगरा गांव में रहने वाले युवाओं ने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि ये चीते ही अब हमारे 'बॉस' हैं। इनकी वजह से अब हमें काम की तलाश में अपने गांव और जिले को नहीं छोड़ना पड़ेगा। अब यही हमें यहां पर रोजगार की सुविधा उपलब्ध कराएंगे।
बता दें कि इन चीतों को कूनो में लाने से पहले ही कूनो प्रबंधन और जिला प्रशासन ने आदिवासी युवाओं को घर पर रोजगार की सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास शुरू कर दिया था। क्षेत्र के युवक और युवतियां को टूरिस्ट गाइड का प्रशिक्षण करीब एक साल पहले ही दिलाव दिया गया था। कूनो डीएफओ पीके वर्मा ने बताया कि वर्ष 2021 में इस क्षेत्र के 25-25 युवक और युवतियों को एमपी टूरिज्म विभाग और पन्ना के टाइगर रिजर्व में गाइड का प्रशिक्षण दिलाया गया था। अब यही युवा गाइड बनकर कूनो में पर्यटकों सैर करवाएंगे। कूनो प्रबंधन का मानना है कि आदिवासी समुदाय के लोग जंगल को ज्यादा बेहतर तरीके से समझते हैं। इन्हें जंगल की भौतिक जानकारी के साथ पेड़-पौधे और पशु-पक्षियों की भी अधिक जानकारी होती है। यह जानकारी अब इनके साथ कूनो घूमने के लिए आने वाले पर्यटकों के भी बहुत काम आएगी।
कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ पीके वर्मा ने बताया कि कूनो में चीते अब आए हैं, लेकिन इनके आने की आहट मिलने के साथ ही यहां पर पर्यटकों की तदाद बढ़ने लगी थी। यहीं कारण है कि कूनो में वर्ष 2018-19 में जहां 430 पर्यटक घूमने आए थे। वहीं, 2019-20 में 760 पर्यटक यहां पहुंचे। इसी तरह सितंबर 2020-21 में यहां पर पर्यटकों की संख्या 1800 पहुंच गई है। जबकि 2021-22 में दिसंबर से लेकर 30 जून तक यहां पर करीब 2200 पर्यटक पहुंचे। अब इनकी संख्या कई गुना बढ़ने की उम्मीद है। यहां पर अब हर साल 20 से 30 हजार पर्यटकों के आने की उम्मीद है।
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