MP By Polls: ज्योतिरादित्य सिंधिया को घेरने की कांग्रेस ने बनाई खास रणनीति

Mp by election news: राज्य में जिन 28 विधानसभा सीटों पर उप-चुनाव होने वाले हैं उनमें से 16 सीटें ग्वालियर-चंबल इलाके से आती हैं और इन क्षेत्रों की हार-जीत सिंधिया के राजनीतिक भविष्य से जुड़ी हुई है।

Congress makes strategy to counter Jyotiraditya Scindia in MP by elections
उप चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया को घेरने की कांग्रेस ने बनाई खास रणनीति।  |  तस्वीर साभार: PTI

भोपाल : मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा के उप-चुनाव में कांग्रेस ने अपने से अलग हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को घेरने की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। इसके लिए राहुल गांधी के करीबियों को चुनाव प्रचार के मैदान में उतारा जा सकता है। राज्य में होने वाले विधानसभा के उप-चुनाव सियासी तौर पर कांग्रेस के पूर्व नेता और वर्तमान में भाजपा के सांसद ज्योतिरादित्यसिंधिया के लिए सबसे अहम माने जा रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्होंने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा तो कमल नाथ की सरकार गिर गई और भाजपा को फिर से सत्ता संभालने का मौका मिला।

राज्य में 28 सीटों पर होने हैं उप चुनाव 
राज्य में जिन 28 विधानसभा सीटों पर उप-चुनाव होने वाले हैं उनमें से 16 सीटें ग्वालियर-चंबल इलाके से आती हैं और इन क्षेत्रों की हार-जीत सिंधिया के राजनीतिक भविष्य से जुड़ी हुई है। ऐसा इसलिए, क्योंकि ग्वालियर-चंबल इलाके को सिंधिया का प्रभाव क्षेत्र माना जाता है। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को इस इलाके में भारी बढ़त मिली थी।

युवा करेंगे चुनाव प्रचार
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने सिंधिया को घेरने के लिए युवाओं की टीम चुनाव प्रचार में उतारने का मन बनाया है। इस टीम में राहुल गांधी के करीबियों में शामिल सचिन पायलट, आर.पी.एन सिंह, जितेंद्र सिंह सहित कई युवा नेताओं को प्रचार में आगे किया जा सकता है। कांग्रेस युवा नेताओं की जरिए सिंधिया को घेरना चाहती है और उसके लिए कभी सिंधिया के करीबी रहे साथी सबसे ज्यादा उपयोग के लायक लग रहे हैं।

पायलट उतर सकते हैं प्रचार में
सूत्रों के मुताबिक, बीते रोज प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ के दिल्ली दौरे के दौरान भी चुनाव प्रचार की रणनीति पर चर्चा हुई है। राज्य में कई विधानसभा क्षेत्रों में गुर्जर मतदाता है और वे चुनावी नतीजों को भी प्रभावित करते है। लिहाजा कमल नाथ चाहते हैं कि पायलट को उप-चुनाव के प्रचार में उनका उपयोग किया जाए। कमल नाथ पायलट को प्रचार के लिए राज्य में लाकर दूसरे नेताओं के प्रभाव को भी पार्टी के भीतर कम करना चाह रहे हैं।

कांग्रेस पायलट पर खेल सकती है दांव
राजनीतिक विश्लेषक अरविंद मिश्रा का मानना है कि कांग्रेस में सचिन पायलट की पहचान उर्जावान और अपनी बात को बेवाक तरीके से कहने वाले नेता की तो है ही, साथ ही आमजन के बीच भी पायलट को पसंद किया जाता है। सिंधिया के जाने से कांग्रेस को नुकसान हुआ है, उप-चुनाव में सिंधिया के प्रभाव को रोकने में कांग्रेस का नए और चमकदार चेहरे का उपयोग कारगर हो सकता है। कांग्रेस अगर ऐसा करने में सफल होती है तो चुनाव और भी रोचक हो जाएंगे।

नए समीकरण बना रही कांग्रेस
कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सियासत के नए समीकरण बन रहे हैं। प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ चाहते हैं कि राज्य के उन नेताओं को ही सक्रिय किया जाए जो उनके करीबी हैं, वही दूसरे राज्यों के उन नेताओं को राज्य में प्रचार के लिए भेजा जाए जिनकी राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से नजदीकियां हैं कुल मिलाकर राज्य में आगामी विधानसभा के उपचुनाव में नई कांग्रेस देखने को मिल सकती है। वैसे भी उपचुनाव के लिए पार्टी हाईकमान ने चार सचिवों की पहले ही तैनाती की है और वे कमल नाथ के साथ पार्टी हाईकमान के बीच रहकर चुनावी रणनीति को जमीनी स्तर पर उतारने में लगे हैं।
 

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